यदि आप bajrang baan likha hua ढूंढ रहे है तो आप सही जगह आये है, नीचे सम्पूर्ण Hanuman bajrang baan लिखा हुआ है, पर उस से पहले जानते है की बजरंग बाण क्या है।
बजरंग बाण का अर्थ है “भगवान महावीर हनुमान का बाण”, जिसके प्रयोग से सभी प्रकार के संकट, दुख, रोग और शत्रुओं का नाश हो जाता है। इस पाठ के प्रभाव से Hanuman Ji आप की सभी प्रकार की परेशानियां दूर कर देते हैं।
बजरंग बाण के रचयिता संत तुलसीदास हैं। उन्होंने इसे 16वीं शताब्दी में अवधी बोली में लिखा था। बजरंग बाण और हनुमान चालीसा का पाठ एक साथ करना अधिक लाभकारी माना जाता है।
श्री हनुमानजी की पूजा में हनुमान चालीसा, बजरंग बाण और संकटमोचन अष्टक का पाठ बहुत मान्य माना जाता है।
जिस घर में नियमित रूप से बजरंग बाण का पाठ होता है वह घर दुर्भाग्य, दरिद्रता, भूत-प्रेत और असाध्य रोगों से सुरक्षित रहता है।
दोनों हाथ जोड़कर बजरंग बली हनुमान जी का ध्यान करें। इसके बाद पाठ आरंभ करें। तो आइए पढ़ते हैं सम्पूर्ण Bajrang Baan Lyrics in Hindi में.
BAJRANG BAAN LYRICS
॥ बजरंग बाण ॥
॥ दोहा ॥
निश्चय प्रेम प्रतीत ते, विनय करें सनमान ।
तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान ॥
॥ चौपाई ॥
जय हनुमंत संत हितकारी ।
सुन लीजै प्रभु अरज हमारी ॥०१॥
जन के काज विलम्ब न कीजै ।
आतुर दौरि महा सुख दीजै ॥०२॥
जैसे कूदि सिन्धु वहि पारा ।
सुरसा बद पैठि विस्तारा ॥०३॥
आगे जाई लंकिनी रोका ।
मारेहु लात गई सुर लोका ॥०४॥
जाय विभीषण को सुख दीन्हा ।
सीता निरखि परम पद लीन्हा ॥०५॥
बाग उजारी सिंधु महं बोरा ।
अति आतुर यम कातर तोरा ॥०६॥
अक्षय कुमार मारि संहारा ।
लूम लपेट लंक को जारा ॥०७॥
लाह समान लंक जरि गई ।
जय जय धुनि सुर पुर महं भई ॥०८॥
अब विलम्ब केहि कारण स्वामी ।
कृपा करहु उर अन्तर्यामी ॥०९॥
जय जय लक्ष्मण प्राण के दाता ।
आतुर होय दुख हरहु निपाता ॥१०॥
जै गिरिधर जै जै सुखसागर ।
सुर समूह समरथ भटनागर ॥११॥
ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमन्त हठीले।
बैरिहिं मारू बज्र की कीले ॥१२॥
गदा बज्र लै बैरिहिं मारो ।
महाराज प्रभु दास उबारो ॥१३॥
ॐ कार हुंकार महाप्रभु धावो ।
बज्र गदा हनु विलम्ब न लावो ॥१४॥
ॐ ह्नीं ह्नीं ह्नीं हनुमंत कपीसा ।
ॐ हुं हुं हुं हनु अरि उर शीशा ॥१५॥
सत्य होहु हरि शपथ पाय के ।
रामदूत धरु मारु धाय के ॥१६॥
जय जय जय हनुमंत अगाधा ।
दु:ख पावत जन केहि अपराधा ॥१७॥
पूजा जप तप नेम अचारा।
नहिं जानत कछु दास तुम्हारा ॥१८॥
वन उपवन, मग गिरि गृह माहीं ।
तुम्हरे बल हम डरपत नाहीं ॥१९॥
पांय परों कर जोरि मनावौं ।
यहि अवसर अब केहि गोहरावौं ॥२०॥
जय अंजनि कुमार बलवन्ता ।
शंकर सुवन वीर हनुमंता ॥२१॥
बदन कराल काल कुल घालक ।
राम सहाय सदा प्रति पालक ॥२२॥
भूत प्रेत पिशाच निशाचर ।
अग्नि बेताल काल मारी मर ॥२३॥
इन्हें मारु तोहिं शपथ राम की ।
राखु नाथ मरजाद नाम की ॥२४॥
जनकसुता हरि दास कहावौ ।
ताकी शपथ विलम्ब न लावो ॥२५॥
जय जय जय धुनि होत अकाशा ।
सुमिरत होत दुसह दुःख नाशा ॥२६॥
चरण शरण कर जोरि मनावौ ।
यहि अवसर अब केहि गौहरावौं ॥२७॥
उठु उठु चलु तोहिं राम दुहाई ।
पांय परौं कर जोरि मनाई ॥२८॥
ॐ चं चं चं चं चपल चलंता ।
ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमंता ॥२९॥
ॐ हं हं हांक देत कपि चंचल ।
ॐ सं सं सहमि पराने खल दल ॥३०॥
अपने जन को तुरत उबारो ।
सुमिरत होय आनन्द हमारो ॥३१॥
यह बजरंग बाण जेहि मारै ।
ताहि कहो फिर कौन उबारै ॥३२॥
पाठ करै बजरंग बाण की ।
हनुमत रक्षा करैं प्राण की ॥३३॥
यह बजरंग बाण जो जापै ।
तेहि ते भूत प्रेत सब कांपे ॥३४॥
धूप देय अरु जपै हमेशा ।
ताके तन नहिं रहै कलेशा ॥३५॥
॥ दोहा ॥
प्रेम प्रतीतहि कपि भजै, सदा धरैं उर ध्यान ।
तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्घ करैं हनुमान ॥
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Bajrang Baan Lata Mangeshkar
बजरंग बाण का पाठ कैसे करे
- मंगलवार और शनिवार को सूर्योदय से पहले बजरंग बाण का पाठ करें। सुबह जल्दी उठें, स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
- शुद्ध अंतःकरण और पूर्ण श्रद्धा के साथ हनुमानजी की तस्वीर या मूर्ति के सामने हाथ जोड़कर बैठ जाएं और बजरंग बाण का जाप करें।
- हनुमानजी को सूखा नारियल और गुड़ का भोग लगाएं और उनके चरणों में सरसों का तेल, उड़द की दाल और सिन्दूर चढ़ाएं।
- बजरंग बाण और हनुमान चालीसा का पाठ एक साथ करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है।
बजरंग बाण का पाठ कब करें ?
संपूर्ण बजरंग बाण का पाठ तभी करें जब आप बहुत संकट में हों और आपको उस संकट से निकलने का कोई रास्ता नहीं मिल रहा हो। ऐसी ही मान्यता है कि जहां बजरंग बाण का पाठ किया जाता है, वहां बजरंगबली स्वयं मदद करने आते हैं।
हनुमान जी भगवान श्री राम के भक्त हैं और जब वे भगवान श्री राम का नाम लेते हैं तो उन्हें बजरंगबली की मदद जरूर मिलती है। बजरंग बाण में पवनपुत्र हनुमान जी को उनके आराध्य श्री राम ने शपथ दिलाई है। मूलतः हनुमान जी आपकी रक्षा अवश्य करेंगे।
बजरंग बाण का पाठ करने के फायदे
- अगर आप शत्रुओं और विरोधियों से बहुत परेशान हैं तो हर मंगलवार को 11 बार बजरंग बाण का पाठ करें।
- बजरंग बाण का नियमित पाठ करने से आत्मविश्वास और साहस बढ़ता है।
- हृदय रोगियों और रक्तचाप के रोगियों को बजरंग बाण का पाठ करने से विशेष स्वास्थ्य लाभ मिलता है।
- बजरंग बाण का पाठ करने से भय, रोग, विपत्ति और कष्ट से मुक्ति मिलती है।
- जो बच्चे कमजोर हैं या कोई काम करने से डरते हैं उन्हें बजरंग बाण का पाठ कराना चाहिए।
- अगर आपके सभी कार्यों में बाधाएं आ रही हैं तो शनिवार के दिन 21 बार बजरंग बाण का पाठ करने से लाभ मिलता है।
- अगर आप कहीं इंटरव्यू देने जा रहे हैं तो 5 बार बजरंग बाण का पाठ करें, सफलता मिलेगी।
- यदि आपके व्यापार में लगातार घाटा हो रहा है तो अपने व्यापार स्थल पर लगातार 8 मंगलवार तक बजरंग बाण का पाठ करें या किसी योग्य कर्मकांडी पंडित से करवाएं। आपको अवश्य लाभ मिलेगा.
FAQ
1. बजरंग बाण क्या है?
बजरंग बाण, भगवान हनुमान जी की भक्ति का एक प्रसिद्ध स्तोत्र है। इसकी रचना तुलसीदास जी ने संस्कृत भाषा में की थी।
2. बजरंग बाण का पाठ कब और क्यों करना चाहिए?
बजरंग बाण का पाठ मंगलवार या शनिवार को करना शुभ माना जाता है।expand_more आप इसे किसी भी समय कर सकते हैं, लेकिन सुबह जल्दी या शाम को सूर्यास्त के समय करना अधिक फलदायी होता है।
3. बजरंग बाण का पाठ करने की विधि क्या है?
बजरंग बाण का पाठ करने से पहले स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहन लें। घी का दीपक जलाकर भगवान हनुमान जी की प्रतिमा के सामने बैठ जाएं। ध्यान लगाकर भगवान हनुमान जी का स्मरण करें और विधिवत पाठ करें।
4. बजरंग बाण पाठ के क्या लाभ हैं?
बजरंग बाण पाठ के अनेक लाभ हैं, जिनमें शामिल हैं:
1. भगवान हनुमान जी की कृपा प्राप्ति
2. भय, शत्रुओं और परेशानियों से मुक्ति
3. साहस और आत्मविश्वास में वृद्धि
4. मनोकामना पूर्ति
5. ग्रहों के दोषों से राहत
5. क्या महिलाएं भी बजरंग बाण का पाठ कर सकती हैं?
हाँ, महिलाएं भी बजरंग बाण का पाठ कर सकती हैं। स्त्रियों के लिए बजरंग बाण का पाठ करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
6. बच्चों को बजरंग बाण का पाठ कब से करवाना चाहिए?
बच्चों को 5 वर्ष की आयु से बजरंग बाण का पाठ करवाना शुरू कर सकते हैं।
7. बजरंग बाण का पाठ करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
1. पाठ करते समय मन को शांत रखें और एकाग्र रहें।
2. शुद्ध उच्चारण के साथ पाठ करें।
3. विश्वास और भक्ति के साथ पाठ करें।
4. नकारात्मक विचारों से दूर रहें।
8. क्या बजरंग बाण का पाठ करने के लिए किसी विशेष माला की आवश्यकता होती है?
नहीं, बजरंग बाण का पाठ करने के लिए किसी विशेष माला की आवश्यकता नहीं होती है। आप किसी भी माला का उपयोग कर सकते हैं, लेकिन रुद्राक्ष या राम नाम की माला का उपयोग करना अधिक शुभ माना जाता है।
9. बजरंग बाण का पाठ करने के बाद क्या करना चाहिए?
बजरंग बाण का पाठ करने के बाद भगवान हनुमान जी की आरती करें और उन्हें प्रसाद अर्पित करें।
10. क्या बजरंग बाण का पाठ ऑनलाइन भी किया जा सकता है?
हाँ, बजरंग बाण का पाठ ऑनलाइन भी किया जा सकता है। इंटरनेट पर कई वेबसाइटें और YouTube चैनल हैं जहाँ आप बजरंग बाण का पाठ सुन सकते हैं या पढ़ सकते हैं।
11. बजरंग बाण का पाठ करने के अलावा, भगवान हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए और क्या किया जा सकता है?
बजरंग बाण के पाठ के अलावा, आप भगवान हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए कई चीजें कर सकते हैं, जैसे:
हर मंगलवार या शनिवार को उन्हें सिंदूर और चोला चढ़ाएं।
हनुमान चालीसा का पाठ करें।
शनिवार के दिन उन्हें मीठा भोग लगाएं।
नियमित रूप से हनुमान जी के मंदिर में जाकर दर्शन करें।
12. बजरंग बाण में कितने छंद हैं?
बजरंग बाण में 108 छंद हैं, जिन्हें “चौपाई” कहा जाता है।