कनकधारा स्तोत्र | Kanakadhara Stotram Lyrics

हम सभी अपने जीवन में आर्थिक तंगी से काफी परेशान रहते हैं। धन प्राप्ति के लिए सर्वोत्तम उपाय करना चाहते हैं। पुराणों में वर्णित kanakadhara stotram yantra और स्तोत्र धन प्राप्ति और धन संचय के लिए चमत्कारी लाभ प्रदान करते हैं। 

इस यंत्र की विशेषता यह है कि इसमें किसी प्रकार के विशेष मंत्र, जाप, पूजा या अनुष्ठान की आवश्यकता नहीं होती है बल्कि यह दिन में केवल एक बार ही प्रयोग करने के लिए उपयुक्त उपकरण है।

Lakshmi kanakadhara stotram कनकधारा स्तोत्र की रचना आदिगुरु शंकराचार्य जी ने की थी। कनकधारा का अर्थ है सोने की धारा, कहा जाता है कि इस स्तोत्र से देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करके उन्होंने सोने की वर्षा की थी।

सिद्ध मंत्र के कारण कनकधारा स्तोत्र का पाठ शीघ्र फल देता है और दरिद्रता का नाश करता है। इसका प्रतिदिन पाठ करने से धन संबंधी सभी प्रकार की बाधाएं दूर हो जाती हैं और महालक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।

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कनकधारा स्तोत्रम्: Kanakadhara Stotram Lyrics


अंगहरे पुलकभूषण माश्रयन्ती भृगांगनैव मुकुलाभरणं तमालम।

अंगीकृताखिल विभूतिरपांगलीला मांगल्यदास्तु मम मंगलदेवताया:।।1।।

मुग्ध्या मुहुर्विदधती वदनै मुरारै: प्रेमत्रपाप्रणिहितानि गतागतानि।

माला दृशोर्मधुकर विमहोत्पले या सा मै श्रियं दिशतु सागर सम्भवाया:।।2।।

विश्वामरेन्द्रपदविभ्रमदानदक्षमानन्द हेतु रधिकं मधुविद्विषोपि।

ईषन्निषीदतु मयि क्षणमीक्षणार्द्धमिन्दोवरोदर सहोदरमिन्दिराय:।।3।।

आमीलिताक्षमधिगम्य मुदा मुकुन्दमानन्दकन्दम निमेषमनंगतन्त्रम्।

आकेकर स्थित कनी निकपक्ष्म नेत्रं भूत्यै भवेन्मम भुजंगरायांगनाया:।।4।।

बाह्यन्तरे मधुजित: श्रितकौस्तुभै या हारावलीव हरि‍नीलमयी विभाति।

कामप्रदा भगवतो पि कटाक्षमाला कल्याण भावहतु मे कमलालयाया:।।5।।

कालाम्बुदालिललितोरसि कैटभारेर्धाराधरे स्फुरति या तडिदंगनेव्।

मातु: समस्त जगतां महनीय मूर्तिभद्राणि मे दिशतु भार्गवनन्दनाया:।।6।।

प्राप्तं पदं प्रथमत: किल यत्प्रभावान्मांगल्य भाजि: मधुमायनि मन्मथेन।

मध्यापतेत दिह मन्थर मीक्षणार्द्ध मन्दालसं च मकरालयकन्यकाया:।।7।।

दद्याद दयानुपवनो द्रविणाम्बुधाराम स्मिभकिंचन विहंग शिशौ विषण्ण।

दुष्कर्मधर्ममपनीय चिराय दूरं नारायण प्रणयिनी नयनाम्बुवाह:।।8।।

इष्टा विशिष्टमतयो पि यथा ययार्द्रदृष्टया त्रिविष्टपपदं सुलभं लभंते।

दृष्टि: प्रहूष्टकमलोदर दीप्ति रिष्टां पुष्टि कृषीष्ट मम पुष्कर विष्टराया:।।9।।

गीर्देवतैति गरुड़ध्वज भामिनीति शाकम्भरीति शशिशेखर वल्लभेति।

सृष्टि स्थिति प्रलय केलिषु संस्थितायै तस्यै ‍नमस्त्रि भुवनैक गुरोस्तरूण्यै ।।10।।

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श्रुत्यै नमोस्तु शुभकर्मफल प्रसूत्यै रत्यै नमोस्तु रमणीय गुणार्णवायै।

शक्तयै नमोस्तु शतपात्र निकेतानायै पुष्टयै नमोस्तु पुरूषोत्तम वल्लभायै।।11।।

नमोस्तु नालीक निभाननायै नमोस्तु दुग्धौदधि जन्म भूत्यै ।

नमोस्तु सोमामृत सोदरायै नमोस्तु नारायण वल्लभायै।।12।।

सम्पतकराणि सकलेन्द्रिय नन्दानि साम्राज्यदान विभवानि सरोरूहाक्षि।

त्व द्वंदनानि दुरिता हरणाद्यतानि मामेव मातर निशं कलयन्तु नान्यम्।।13।।

यत्कटाक्षसमुपासना विधि: सेवकस्य कलार्थ सम्पद:।

संतनोति वचनांगमानसंसत्वां मुरारिहृदयेश्वरीं भजे।।14।।

सरसिजनिलये सरोज हस्ते धवलमांशुकगन्धमाल्यशोभे।

भगवति हरिवल्लभे मनोज्ञे त्रिभुवनभूतिकरि प्रसीद मह्यम्।।15।।

दग्धिस्तिमि: कनकुंभमुखा व सृष्टिस्वर्वाहिनी विमलचारू जल प्लुतांगीम।

प्रातर्नमामि जगतां जननीमशेष लोकाधिनाथ गृहिणी ममृताब्धिपुत्रीम्।।16।।

कमले कमलाक्षवल्लभे त्वं करुणापूरतरां गतैरपाड़ंगै:।

अवलोकय माम किंचनानां प्रथमं पात्रमकृत्रिमं दयाया : ।।17।।

स्तुवन्ति ये स्तुतिभिर भूमिरन्वहं त्रयीमयीं त्रिभुवनमातरं रमाम्।

गुणाधिका गुरुतरभाग्यभागिनो भवन्ति ते बुधभाविताया:।।18।।

।। इति श्री कनकधारा स्तोत्रं सम्पूर्णम् ।।


Kanakadhara Stotram Song | Laxmi Devi Songs


कनकधारा स्तोत्रम के फायदे


1. कनकधारा स्तोत्रम धन और समृद्धि की देवी की सुंदरता, अनुग्रह, ज्ञान और शक्ति का वर्णन करता है। प्रार्थना एक कविता है जो धन के प्रवाह को सुगम बनाती है। कनक का अर्थ है सोना, और धारा का अर्थ है प्रवाह।

2. शक्तिशाली स्तोत्रम का जाप गरीबी को खत्म करने में मदद कर सकता है और खुशी लाता है। पूरी श्रद्धा के साथ स्तोत्र का जाप लोगों को आध्यात्मिक चेतना के उच्च स्तर तक ले जा सकता है और जीवन के प्रति उनका दृष्टिकोण बदल सकता है। 

3. स्तोत्रम नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर करने में मदद करता है और लोगों को अपने दैनिक जीवन में आध्यात्मिक शिक्षाओं का उपयोग करने की अनुमति देता है।

4. शुक्रवार के दिन, साथ ही पूर्णिमा के दिन सुबह और शाम को, कनकधारा स्तोत्र का पाठ करें क्योंकि इन दिनों तारों और ग्रहों की स्थिति विशेष रूप से भाग्यशाली मानी जाती है।

5. ऐसा माना जाता है कि कनक लक्ष्मी (सोने की सर्वोच्च दाता के रूप में लक्ष्मी) के लिए अग्नि यज्ञ करते समय इस भजन का जाप करने से लोगों की किस्मत बदल सकती है, वित्तीय बाधाओं और संकट से राहत मिल सकती है, मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है, और खराब धन कर्म से मुक्ति मिल सकती है। निश्चिंत रहें जो व्यक्ति को भौतिक सफलता का आनंद लेने से रोकता है।

6. जो व्यक्ति प्रतिदिन वेदों की अवतार, तीनों लोकों की माता, देवी रेमा की पूजा करता है या kanakadhara stotram path करता है, वह निस्संदेह अच्छे गुणों से संपन्न होगा, महान भाग्य प्राप्त कर सकता है और बुद्धिमानों की तुलना में अधिक मान्यता के साथ दुनिया में रहेगा।


FAQ

1. कनकधारा स्तोत्र क्या है?

कनकधारा स्तोत्र देवी लक्ष्मी की स्तुति में रचित एक प्रसिद्ध स्तोत्र है। इसकी रचना आदि शंकराचार्य जी ने की थी। इस स्तोत्र में देवी लक्ष्मी से धन, समृद्धि और वैभव की प्राप्ति के लिए प्रार्थना की जाती है।

2. कनकधारा स्तोत्र का पाठ कब और कैसे करें?

कनकधारा स्तोत्र का पाठ शुक्रवार, पूर्णिमा के दिन, दिवाली और अन्य विशेष अवसरों पर करना शुभ माना जाता है। पाठ करते समय स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें, दीप प्रज्वलित करें और देवी लक्ष्मी की प्रतिमा या तस्वीर के सामने बैठ जाएं। पूरी श्रद्धा और भक्तिभाव से स्तोत्र का पाठ करें।

3. कनकधारा स्तोत्र के क्या लाभ हैं?

कनकधारा स्तोत्र का पाठ करने से धन, समृद्धि, वैभव, ऐश्वर्य, सुख-शांति और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। यह स्तोत्र ऋण से मुक्ति, व्यापार में वृद्धि, नौकरी में तरक्की और विद्या प्राप्ति में भी सहायक होता है।

4. क्या स्त्री और पुरुष दोनों ही कनकधारा स्तोत्र का पाठ कर सकते हैं?

हाँ, स्त्री और पुरुष दोनों ही कनकधारा स्तोत्र का पाठ कर सकते हैं। इस स्तोत्र में कोई लिंगभेद नहीं है।

5. कनकधारा स्तोत्र का पाठ करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

कनकधारा स्तोत्र का पाठ करते समय मन को शांत और एकाग्र रखना चाहिए। स्तोत्र का पाठ धीरे-धीरे और स्पष्ट रूप से करना चाहिए। पाठ करते समय किसी भी प्रकार का व्यवधान नहीं आना चाहिए।

6. क्या कनकधारा स्तोत्र का पाठ करने के लिए किसी विशेष मंत्र या दीक्षा की आवश्यकता होती है?

नहीं, कनकधारा स्तोत्र का पाठ करने के लिए किसी विशेष मंत्र या दीक्षा की आवश्यकता नहीं होती है। आप घर बैठे ही इस स्तोत्र का पाठ कर सकते हैं।

7. क्या कनकधारा स्तोत्र का पाठ करने से तुरंत धन प्राप्ति होती है?

कनकधारा स्तोत्र का पाठ करने से तुरंत धन प्राप्ति की कोई गारंटी नहीं है। लेकिन, यदि आप पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ नियमित रूप से इसका पाठ करते हैं तो आपको अवश्य ही धन, समृद्धि और वैभव प्राप्ति में सहायता मिलेगी।

8. क्या कनकधारा स्तोत्र का पाठ किसी विशेष स्थान पर करना चाहिए?

कनकधारा स्तोत्र का पाठ आप घर, मंदिर या किसी भी शांत और पवित्र स्थान पर कर सकते हैं।

9. क्या कनकधारा स्तोत्र का पाठ करते समय कोई विशेष पूजा सामग्री की आवश्यकता होती है?

नहीं, कनकधारा स्तोत्र का पाठ करने के लिए किसी विशेष पूजा सामग्री की आवश्यकता नहीं होती है। आप बस एक दीपक, कुछ फूल और अगरबत्ती जला सकते हैं।

10. क्या कनकधारा स्तोत्र का हिंदी में पाठ भी उपलब्ध है?

हाँ, कनकधारा स्तोत्र का हिंदी में अनुवाद भी उपलब्ध है। आप इंटरनेट या धार्मिक पुस्तकों से इसका हिंदी अनुवाद प्राप्त कर सकते हैं।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि कनकधारा स्तोत्र का पाठ केवल तभी फलदायी होगा जब आप पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ इसका पाठ करेंगे। इसके साथ ही, आपको कर्मठ भी होना चाहिए और ईश्वर से धन प्राप्ति के लिए प्रार्थना करते रहनी चाहिए।