मंत्र जाप कैसे करे | Mantra Jaap Kase Kare | How to Chant Mantra For Beginners

दुनिया भर की संस्कृतियों में कई वर्षो  से मंत्र जप का अभ्यास किया जाता रहा है। यह शांति, ध्यान और आत्म-विकास के मार्ग पर चलने वालों का एक महत्वपूर्ण अंग रहा है।

इन प्राचीन मंत्रो का जाप करने से मन शांत होता है, एकाग्रता बढ़ती है और आंतरिक शक्ति जागृत होती है।

यदि आप भी मंत्र जप करना चाहते है पर समझ नहीं आ रहा की कहा से शुरू करे, तो चिंता मत करिये। निचे दिए गए लेख में हमने विस्तार से बताया है की मंत्र जाप कैसे करना है और उस से जुड़ी कई और जानकारिया भी दी गए है।

तो चलिए बिना देर किये जानते है की मंत्र जाप Mantra Jaap कैसे करते है।

सब से पहले अपना मंत्र चुने | Choose Your First Mantra


मंत्र जप की शुरू करने से पहले आप को सही मंत्र चुनना है। मंत्र पवित्र शब्द या शब्दांश होते हैं जिनका गहरा अर्थ होता है।

अपने पहले मंत्र को चुनते समय, एक बात का ध्यान रखे की जो मंत्र आप के मान को शांति दे रहा हो या आप गहराई से जुड़ाव महसूस कर रहे हो वही मंत्र आप को चुना है।

यहाँ पर कुछ लोकप्रिय मंत्र है जिनसे आप शुरुआत कर सकते हैं या वो मंत्र जो आप ने चुना हो :

  • ॐ (Om): यह सबसे सरल और सबसे शक्तिशाली मंत्रों में से एक है। यह ब्रह्मांड के मूल ध्वनि का प्रतिनिधित्व करता है और इसका जप शांति और आंतरिक शांति लाने के लिए जाना जाता है।
  • ॐ नमः शिवाय (Om Namah Shivaya): यह मंत्र भगवान शिव को समर्पित है। इसका जप करने से तनाव कम होता है, आंतरिक शक्ति जागृत होती है, और आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा मिलता है।
  • ॐ मणि पद्मे हूँ (Om Mani Padme Hum): यह तिब्बती बौद्ध धर्म में एक लोकप्रिय मंत्र है। इसका जप करने से करुणा, दया और बुद्धत्व को प्राप्त करने की इच्छा को बढ़ावा मिलता है।
  • लोक अह वाहे गुरु (Lok Ah Wah Guru): यह सिख धर्म में एक मूल मंत्र है। इसका जप करने से ईश्वर के साथ एकता, आंतरिक शांति और सकारात्मकता का अनुभव होता है।

इन मंत्रों के अलावा, आप किसी गुरु या योग शिक्षक से मार्गदर्शन ले सकते हैं जो आपके लिए उपयुक्त मंत्र खोजने में आपकी सहायता कर सकता है।

Mantra Jaap के लिए एक पवित्र स्थान चुने 


एक बार जब आप अपना मंत्र चुन लेते हैं, तो जप के लिए एक पवित्र स्थान बनाने का समय आ जाता है। यह स्थान शांत और आरामदायक होना चाहिए जहाँ आप विचलित न हों।

यहाँ कुछ tips दी गई हैं जिनका पालन करके आप अपना जप स्थान बना सकते हैं:

  • अपने घर में एक शांत कोने या कमरा चुनें।
  • यदि संभव हो तो, इसे साफ करें और सकारात्मक ऊर्जा लाने के लिए धूप जलाएं।
  • आप अपनी पसंद की वेदी भी बना सकते हैं। इस पर आप एक मूर्ति, धूप जलाने की कटोरी, या फूल रख सकते हैं।
  • आरामदायक कपड़े पहनें जो आपके आंदोलन को प्रतिबंधित न करें।

अपने जप स्थान को कुछ ऐसा बनाएं जो शांति और आध्यात्मिकता का एहसास दिलाए। यह एक ऐसा स्थान होना चाहिए जहाँ आप आराम से जप कर सकें और अपने भीतर की शक्ति से जुड़ सकें।

आसन, श्वास और ध्वनि पर ध्यान दे 


अब जब आप अपना मंत्र और जप स्थान चुन चुके हैं, तो आइए जप के कुछ मूलभूत तत्वों को देखें:

  • आसन (Aasan): जप के लिए एक आरामदायक और स्थिर आसन का चयन महत्वपूर्ण है। आप सुखासन (आसान बैठने की स्थिति), पद्मासन (कमल की स्थिति), या वज्रासन (वज्र की तरह बैठने की स्थिति) का उपयोग कर सकते हैं। अपनी पीठ को सीधी रखें और अपनी छाती को खोलें ताकि हवा आसानी से बह सके।
  • श्वास (Saans): श्वास जप का एक अभिन्न अंग है। गहरी और धीमी सांस लेने से आपका मन शांत होता है और आपका ध्यान मंत्र पर केंद्रित होता है। जप करते समय, आप अपने श्वास के साथ मंत्र को सिंक्रनाइज़ कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, आप एक श्वास पर मंत्र का पहला भाग जप कर सकते हैं और दूसरे श्वास पर शेष भाग जप कर सकते हैं।
  • ध्वनि (Dhwani): अपना मंत्र स्पष्ट रूप से और धीरे-धीरे जपें। आप इसे मानसिक रूप से दोहरा सकते हैं या इसे कम आवाज में बोल सकते हैं। जप करते समय, मंत्र के अर्थ और कंपन पर ध्यान दें।

मंत्र जप करने की प्रक्रिया | The Chanting Process


अब जबकि आप जप के बुनियादी तत्वों को समझ गए हैं, तो आप जप करने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए तैयार हैं। यहां बताया गया है कि आप कैसे जप कर सकते हैं:

  • शांत और आरामदायक स्थान पर बैठ जाएं। अपनी पीठ को सीधी रखें और अपनी आंखें धीरे से बंद कर लें।
  • कुछ गहरी सांस लें और छोड़ें। अपने मन को शांत करें और किसी भी व्याकुलता को दूर होने दें।
  • अपना चुना हुआ मंत्र मन में दोहराएं। मंत्र के अर्थ और कंपन पर ध्यान दें।
  • अपने जप को अपने श्वास के साथ तालमेल बिठाएं। उदाहरण के लिए, आप एक श्वास पर मंत्र का पहला भाग जप कर सकते हैं और दूसरे श्वास पर शेष भाग जप कर सकते हैं।
  • जप करते समय, किसी भी भटकते विचारों को धीरे से अपने मंत्र पर वापस लाएं।
  • एक निश्चित समय के लिए जप करें, या एक निश्चित संख्या में मंत्र जप करें। शुरुआत में, कुछ मिनटों से शुरू करें और धीरे-धीरे समय बढ़ाएं।
  • जप पूरा करने के बाद, कुछ देर के लिए शांत बैठें। अपने अनुभव पर ध्यान दें और महसूस करें कि जप ने आपको कैसा प्रभावित किया है।

मंत्र जप के दौरान आने वाली सामान्य परेशानी 


जप की शुरुआत में, आपको कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। यहां कुछ सामान्य परेशानिया हैं और उनसे कैसे निपटना है:

  • भटकते विचार : यह स्वाभाविक है कि जप करते समय आपके मन में भटकते विचार आते हैं। जब ऐसा हो, तो धीरे से अपने ध्यान को अपने मंत्र पर वापस लाएं।
  • मन का चंचल होना : यदि आप पाते हैं कि आपका मन बहुत चंचल है, तो अपनी श्वास पर ध्यान दें। गहरी और धीमी सांस लेने से आपका मन शांत होता है।
  • अवधि पूरी करना मुश्किल : यदि आप पाते हैं कि निर्धारित अवधि के लिए जप करना मुश्किल है, तो छोटे अंतराल से शुरू करें और धीरे-धीरे अवधि बढ़ाएं।

नियमित मंत्र जाप करते रहे  


जप के लाभों को प्राप्त करने के लिए नियमित अभ्यास महत्वपूर्ण है। आदर्श रूप में, आपको दिन में कम से कम 15-20 मिनट जप करने का लक्ष्य रखना चाहिए। हालांकि, शुरुआत में, कुछ मिनटों से भी शुरू करना फायदेमंद होता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आप नियमित रूप से जप करें, भले ही वह थोड़े समय के लिए ही हो।

यहां कुछ युक्तियां दी गई हैं जो आपको जप के अभ्यास को निरंतर बनाए रखने में मदद कर सकती हैं:

  • एक निश्चित समय निर्धारित करें: अपने दैनिक दिनचर्या में जप के लिए एक विशिष्ट समय निर्धारित करें। सुबह जल्दी उठना या रात को सोने से पहले जप करने का अच्छा समय हो सकता है।
  • जप को अपने दैनिक अनुष्ठान में शामिल करें: जप को अपने दैनिक अनुष्ठान, जैसे योग या ध्यान अभ्यास, का हिस्सा बनाएं। इससे आपको एक सुसंगत अभ्यास बनाए रखने में मदद मिलेगी।
  • एक जप माला का उपयोग करें: जप माला का उपयोग जप की गिनती रखने और आपको ध्यान केंद्रित करने में मदद कर सकता है।
  • एक जप साथी खोजें: किसी मित्र या परिवार के सदस्य के साथ जप करना भी आपको प्रेरित रहने में मदद कर सकता है।
  • अपने अनुभवों को ट्रैक करें: एक जर्नल रखें और अपने जप के अनुभवों को लिखें। इससे आप अपनी प्रगति को ट्रैक कर पाएंगे और प्रेरित रहेंगे।

जप के लाभ | Benefits of Chanting


जप के कई लाभ हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • तनाव कम करना : जप का लयबद्ध स्वर मन को शांत करने और तनाव कम करने में मदद करता है।
  • ध्यान को बढ़ाना : जप करने से आपका ध्यान एकाग्र होता है और वर्तमान क्षण में रहने की आपकी क्षमता बढ़ती है।
  • आंतरिक शांति प्राप्त करना : जप आपके भीतर की शांति और शांति की भावना जगाता है।
  • आत्म-जागरूकता बढ़ाना : जप करने से आप अपने विचारों और भावनाओं के बारे में अधिक जागरूक हो जाते हैं।
  • आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा देना : जप का अभ्यास आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा दे सकता है और आपको अपने उच्च स्व से जुड़ने में मदद कर सकता है।
  • ऊर्जा में वृद्धि : जप करने से आपकी ऊर्जा का स्तर बढ़ सकता है और आप अधिक सकारात्मक और जीवंत महसूस कर सकते हैं।
  • नींद में सुधार : जप करने से आपको रात में बेहतर नींद आ सकती है।

जप के विभिन्न प्रकार


जप केवल एक विशिष्ट तरीके से मंत्रों का उच्चारण करने तक सीमित नहीं है। मंत्र जप की विभिन्न शैलियाँ हैं, जिनमें से प्रत्येक का अपना अनूठा प्रभाव होता है। यहाँ कुछ लोकप्रिय प्रकारों पर एक नज़र डालें:

  • जप : यह मंत्रों का मानसिक जप या फुसफुसाते हुए जप है। यह सबसे आम प्रकार का जप है और आंतरिक शांति और ध्यान को बढ़ावा देता है।
  • उच्चार : यह मंत्रों का जोर से उच्चारण है। यह ऊर्जा को बढ़ाने और सकारात्मक कंपन पैदा करने में मदद करता है।
  • कीर्तन : यह भक्ति गायन का एक रूप है जिसमें भगवान के नामों और गुणों का जप किया जाता है। यह एक सामूहिक अभ्यास है जो आनंद और भक्ति की भावना पैदा करता है।
  • जप Mala : यह जप माला का उपयोग करके मंत्रों का जप करने की एक विशिष्ट शैली है। जप माला में 108 मोती होते हैं, और प्रत्येक मनके के साथ एक मंत्र का जप किया जाता है। यह जप की गिनती रखने और ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है।
  • मंत्रों का श्रवण : आप मंत्रों की रिकॉर्डिंग सुन सकते हैं और उनके शांत प्रभाव को अपने ऊपर लेने दे सकते हैं।
  • मंत्र लेखन : आप मंत्रों को बार-बार लिख सकते हैं। यह ध्यान केंद्रित करने और मंत्र के अर्थ को आंतरिक करने का एक शानदार तरीका है।
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जप के लिए उचित शिष्टाचार


जप करते समय कुछ बुनियादी शिष्टाचार का पालन करना महत्वपूर्ण है:

  • शुद्धता : जप करते समय शारीरिक और मानसिक रूप से शुद्ध रहने का प्रयास करें। आप जप करने से पहले स्नान कर सकते हैं और साफ कपड़े पहन सकते हैं।
  • सम्मान : जप करते समय सम्मान और श्रद्धा का भाव बनाए रखें। मंत्र शक्तिशाली होते हैं, इसलिए उनका सम्मानपूर्वक जप करना महत्वपूर्ण है।
  • विचारों का शुद्धिकरण : जप करते समय अपने विचारों को शुद्ध रखने का प्रयास करें। नकारात्मक विचारों को दूर जाने दें और अपने ध्यान को मंत्र पर केंद्रित करें।
  • नियमितता : जप का अभ्यास नियमित रूप से करें। जितना अधिक आप जप करेंगे, उतना ही अधिक लाभ प्राप्त करेंगे।

मंत्र जप के विभिन्न संप्रदाय 


मंत्र जप का अभ्यास दुनिया भर की विभिन्न आध्यात्मिक परंपराओं में पाया जाता है। यहां कुछ प्रमुख परंपराओं पर एक नज़र डालें:

  • हिंदू धर्म (Hinduism): हिंदू धर्म में, मंत्र जप पूजा अनुष्ठानों, ध्यान अभ्यास और व्यक्तिगत आध्यात्मिक विकास का एक अभिन्न अंग है।
  • बौद्ध धर्म (Buddhism): बौद्ध धर्म में, मंत्र जप का उपयोग ध्यान को केंद्रित करने, करुणा विकसित करने और बुद्धत्व प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
  • जैन धर्म (Jainism): जैन धर्म में, मंत्र जप का उपयोग आध्यात्मिक विकास और मोक्ष प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
  • सिख धर्म (Sikhism): सिख धर्म में, मंत्र जप का उपयोग ईश्वर के साथ एकता का अनुभव करने और आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा देने के लिए किया जाता है।

निष्कर्ष 


मंत्र जप एक सरल लेकिन शक्तिशाली अभ्यास है जो आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकता है। यह आपको तनाव कम करने, ध्यान बढ़ाने, आंतरिक शांति पाने और अपने आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है।

इस लेख में, हमने आपको मंत्र जप के कुछ जरुरी बातो से परिचित कराया है और आपको अपना अभ्यास शुरू करने में मदद की है। याद रखें, जप करने का कोई सही या गलत तरीका नहीं है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आप एक ऐसा मंत्र खोजें जो आपको शांत करे और नियमित रूप से अभ्यास करें।

तो देर किस बात की है? आज ही जप की यात्रा शुरू करें और देखें कि यह आपके जीवन में क्या सकारात्मक बदलाव ला सकता है!

आप विभिन्न पुस्तकों, वेबसाइटों और ऐप्स के माध्यम से मंत्र जप के बारे में अधिक जान सकते हैं। आप किसी योग शिक्षक, ध्यान शिक्षक या गुरु से मार्गदर्शन लेने पर भी विचार कर सकते हैं जो आपको मंत्र जप के अभ्यास को गहरा करने में मदद कर सकता है।

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि divineshlok.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।