भोजन मंत्र | Bhojan Mantra | अन्नपूर्णा भोजन मंत्र

यदि आप अन्न ग्रहण करने से पहले भोजन मंत्र ढूंढ रहे है तो आप सही जगह आये है। इस लेख में हमने पूर्ण भोजन मंत्र और भोजन मंत्र अर्थ सहित उपलब्द किया है जिसे आप पढ़ सकते है।

अन्न ग्रहण से पहले मन में यह सोचें की किसलिए इस शरीर का रक्षा और पालन-पोषण करना है और ऐसा कहे की, हे! भगवान मै एक प्रार्थना सदैव आपके चरणों में करता हूँ , अपना तन, मन और धन समर्पित करता हूँ और फिर अन्न ग्रहण करे। 

इस मंत्र का जाप रोजाना भोजन से पूर्व आवश्यक करना चाहिए।

भोजन मंत्र | Bhojan Mantra


ब्रहमार्पणं ब्रहमहविर्‌ब्रहमाग्नौ ब्रहमणा हुतम्।
ब्रहमैव तेन गन्तव्यं ब्रहमकर्मसमाधिना ॥

भोजन मंत्र का हिंदी अर्थ

जिन वस्तुओ को हम खुद कहते है, वे ब्रम्ह हैं। भोजन ही ब्रम्ह है। भूख की आग हमे ब्रह्म महसूस करवाती है। भोजन खाने और पचाने की क्रिया ब्रम्ह क्रिया कहलाती है। भोजन से प्राप्त परिणाम भी ब्रम्ह ही है।


ॐ सह नाववतु।
सह नौ भुनक्तु।
सह वीर्यं करवावहै।
तेजस्विनावधीतमस्तु।
मा विद्विषावहै ॥
ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति:: ॥

भोजन मंत्र का हिंदी अर्थ

हे परमेश्वर! हम शिष्य और आचार्य दोनों की साथ-साथ रक्षा करें। हम शिष्य और आचार्य दोनों का एक साथ पोषण करें। हम दोनों साथ मिलकर बड़ी ऊर्जा और शक्ति के साथ कार्य करें एवं विद्या प्राप्ति का सामर्थ्य प्राप्त करें। हमारी बुद्धि तेज हो। हम दोनों परस्पर द्वेष न करें। ओम! शांति, शांति, शांति ।


प्राणाय स्वाहा।
अपानाय स्वाहा।
ॐ व्यानाय स्वाहा।
उदानाय स्वाहा।
समानाय स्वाहा॥
अन्नपूर्णे स्वाहा।

भोजन मंत्र का हिंदी अर्थ

यह मंत्र प्राणशक्ति के प्रवाह को संतुलित करने और शरीर के प्रत्येक क्षेत्र में समानता और संयोग को स्थापित करने के लिए जपा जाता है।

और “ॐ अन्नपूर्णे स्वाहा।” अर्थ है “अन्नपूर्णा” देवी के लिए। यह मंत्र भोजन के साथ आभार और समर्पण का अर्थ है, जिसे प्रत्येक भोजन में उच्चारित किया जाता है।

ये सभी मंत्र अन्न के प्रति हमारी आभार और समर्पण को प्रकट करते हैं। इनका उच्चारण करने से भोजन के साथ हम ईश्वर की कृपा और आशीर्वाद को प्राप्त करते हैं, जो हमें आत्मिक शांति और संतुलन में मदद करता है। इसके अलावा, ये मंत्र हमें भोजन के समय में मन को शांति और ध्यान में लाने में मदद करते हैं।

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भोजन मंत्र के लाभ | Bhojan Mantra Benefits


भोजन मंत्र का पाठ करने के कई लाभ होते हैं। यह कुछ मुख्य लाभ हैं:

  1. शांति और समर्थन: भोजन मंत्र का पाठ करने से पहले, हम ईश्वर का धन्यवाद करते हैं जो हमें भोजन प्रदान करते हैं। इससे हमारा मन शांत होता है और हम आत्मिक समर्थन प्राप्त करते हैं।
  2. अन्न की शुद्धि: भोजन मंत्र का जाप करने से पहले, हम आशीर्वाद प्रार्थना करते हैं। इससे भोजन की शुद्धि बढ़ती है और हमें स्वस्थ रहने की शक्ति मिलती है।
  3. सामर्थ्य और संयम: भोजन मंत्र का उच्चारण करने से पहले, हम अपने मन को नियंत्रित करते हैं और भोजन में संयम बनाए रखने की शक्ति प्राप्त करते हैं।
  4. परिवार के साथ संबंध: भोजन मंत्र का उच्चारण करने से परिवार के सदस्यों के साथ एकान्त में भोजन करने का अवसर मिलता है। यह साथ में समय बिताने का अच्छा अवसर होता है जो परिवारिक संबंधों को मजबूत करता है।
  5. आत्मिक विकास: भोजन मंत्र का जाप करने से हमारा मन शांत होता है और हम आत्मा के साथ संवाद करने की क्षमता प्राप्त करते हैं। यह हमें आत्मिक विकास के मार्ग पर ले जाता है।

इस तरह, भोजन मंत्र का उच्चारण करने से हमें शारीरिक, मानसिक, और आत्मिक स्तर पर विकास का अवसर प्राप्त होता है।

अंतिम बात


भोजन मंत्र एक सरल लेकिन शक्तिशाली अभ्यास है जो भोजन ग्रहण करने के अनुभव को अधिक सकारात्मक, स्वस्थ और आध्यात्मिक बना सकता है।

यदि आप अपनी जीवनशैली में कुछ सकारात्मक बदलाव लाना चाहते हैं, तो भोजन मंत्र का जाप करना निश्चित रूप से एक अच्छा विकल्प है।


FAQ

1. भोजन मंत्र क्या होता है?

भोजन मंत्र एक प्राचीन संस्कृत मंत्र है जो भोजन ग्रहण करने से पहले बोला जाता है। यह मंत्र भोजन के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने, भोजन को पवित्र करने और भोजन से प्राप्त होने वाले पोषण और ऊर्जा के लिए आशीर्वाद मांगने का एक तरीका है।

2. भोजन मंत्र का क्या महत्व है?

भोजन मंत्र का महत्व कई पहलुओं में देखा जा सकता है:
आध्यात्मिक महत्व: भोजन मंत्र भोजन को ईश्वर का प्रसाद मानकर उसका सम्मान व्यक्त करता है। यह भोजन ग्रहण करने की क्रिया को एक आध्यात्मिक अनुभव में बदल देता है।
शारीरिक महत्व: भोजन मंत्र भोजन को पचाने और उससे पोषक तत्वों को ग्रहण करने की प्रक्रिया में सहायक माना जाता है।
मानसिक महत्व: भोजन मंत्र मन को शांत करने और भोजन के प्रति सकारात्मक भावनाएं पैदा करने में मदद करता है।

3. भोजन मंत्र कब बोला जाता है?

भोजन मंत्र को भोजन ग्रहण करने से पहले बोला जाता है। यह मंत्र आमतौर पर बैठकर, शांत मन से और हाथ जोड़कर बोला जाता है।

4. भोजन मंत्र क्या है?

सबसे प्रसिद्ध भोजन मंत्रों में से एक है:
ॐ सह नाववतु सह नौ भुनक्तु सह वीर्यं करवावहै तेजस्विनावधीतमस्तु मा विद्विषावहै ॐ शांतिः शांतिः शांतिः
इस मंत्र का अर्थ है:
हम सबका रक्षक हो, हम सबको भोजन प्रदान करे, हम सबको शक्ति और तेज प्रदान करे, हम सबकी बुद्धि तेजस्वी हो, हम सबमें कभी द्वेष न हो, शांति हो, शांति हो, शांति हो।

5. क्या कोई अन्य भोजन मंत्र भी हैं?

हाँ, कई अन्य भोजन मंत्र भी हैं। कुछ लोकप्रिय भोजन मंत्रों में शामिल हैं:
ॐ अन्नपूर्णायै नमः: यह मंत्र देवी अन्नपूर्णा की स्तुति करता है, जो अन्न और पोषण की देवी हैं।
ॐ नमो नारायणाय: यह मंत्र भगवान विष्णु की स्तुति करता है, जो रक्षक और पोषणकर्ता माने जाते हैं।
ॐ गंगाय नमः: यह मंत्र गंगा नदी की स्तुति करता है, जिसे जीवनदायिनी माना जाता है।

6. क्या भोजन मंत्र का जाप करना ज़रूरी है?

भोजन मंत्र का जाप करना ज़रूरी नहीं है, लेकिन यह निश्चित रूप से एक अच्छा अभ्यास है। भोजन मंत्र का जाप करने से भोजन ग्रहण करने का अनुभव अधिक सकारात्मक और आध्यात्मिक बन जाता है।

7. भोजन मंत्र का जाप कैसे करें?

भोजन मंत्र का जाप करने के लिए आप निम्नलिखित चरणों का पालन कर सकते हैं:
1. शांत जगह पर बैठ जाएं।
2. अपने हाथ जोड़ें और अपनी आँखें बंद करें।
3. मंत्र का धीरे-धीरे और स्पष्ट रूप से जाप करें।
4. मंत्र के अर्थ पर ध्यान दें।
5. भोजन ग्रहण करने से पहले मंत्र का तीन बार जाप करें।

8. क्या बच्चे भी भोजन मंत्र का जाप कर सकते हैं?

हाँ, बच्चे भी भोजन मंत्र का जाप कर सकते हैं। उन्हें सरल भोजन मंत्रों से शुरुआत करनी चाहिए और धीरे-धीरे अधिक जटिल मंत्रों की ओर बढ़ना चाहिए।

9. भोजन मंत्र का जाप करने से क्या लाभ होते हैं?

भोजन मंत्र का जाप करने से कई लाभ हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
बेहतर पाचन: भोजन मंत्र भोजन को पचाने और उससे पोषक तत्वों को ग्रहण करने की प्रक्रिया में सहायक माना जाता है।
तनाव कम होता है: भोजन मंत्र मन को शांत करने और भोजन के प्रति सकारात्मक भावनाएं पैदा करने में मदद करता है, जिससे तनाव कम होता है।
कृतज्ञता बढ़ती है: भोजन मंत्र भोजन के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का एक तरीका है, जिससे जीवन में सकारात्मकता बढ़ती है।
आध्यात्मिकता बढ़ती है: भोजन मंत्र भोजन ग्रहण करने की क्रिया को एक आध्यात्मिक अनुभव में बदल सकता है, जिससे आध्यात्मिकता बढ़ती है।

10. भोजन मंत्र के बारे में अधिक जानकारी कहाँ से प्राप्त कर सकते हैं?

भोजन मंत्र के बारे में अधिक जानकारी के लिए आप निम्नलिखित संसाधनों का उपयोग कर सकते हैं:
पुस्तकें: कई पुस्तकें भोजन मंत्रों और उनके महत्व पर प्रकाश डालती हैं।
वेबसाइटें: इंटरनेट पर कई वेबसाइटें हैं जैसे DIVINESHLOK.COM।जो भोजन मंत्रों के बारे में जानकारी प्रदान करती हैं।
धार्मिक गुरु: आप अपने धार्मिक गुरु से भी भोजन मंत्रों के बारे में अधिक जान सकते हैं।

1. क्या मैं भोजन मंत्र का जाप करते समय खा सकता हूँ?

नहीं, भोजन मंत्र का जाप करते समय खाना नहीं चाहिए। भोजन मंत्र का जाप एक ध्यान और आभार व्यक्त करने का समय होता है। जब आप खा रहे होते हैं, तो आपका ध्यान भोजन पर होना चाहिए, मंत्र पर नहीं। भोजन खाने के बाद, आप शांत बैठकर मंत्र का जाप कर सकते हैं।

2. क्या मुझे भोजन मंत्र का जाप संस्कृत में करना होगा?

नहीं, आपको भोजन मंत्र का जाप संस्कृत में करने की आवश्यकता नहीं है। आप अपनी भाषा में किसी भी भोजन मंत्र का जाप कर सकते हैं जो आपको पसंद हो और जिसका अर्थ आप समझते हों। आप अपनी भाषा में भोजन मंत्र भी बना सकते हैं।

3. क्या मैं भोजन मंत्र का जाप करते समय संगीत सुन सकता हूँ?

यह आपके ऊपर निर्भर करता है। कुछ लोग शांत वातावरण में भोजन मंत्र का जाप करना पसंद करते हैं, जबकि कुछ लोग शांत संगीत सुनते हुए मंत्र का जाप करना पसंद करते हैं। यदि संगीत आपको ध्यान केंद्रित करने और शांत महसूस करने में मदद करता है, तो आप इसका उपयोग कर सकते हैं।

4. क्या मैं भोजन मंत्र का जाप करते समय आँखें खोल सकता हूँ?

हाँ, आप भोजन मंत्र का जाप करते समय आँखें खोल सकते हैं। हालांकि, यदि आप अपनी आँखें बंद करते हैं, तो आप अधिक ध्यान केंद्रित कर पाएंगे और मंत्र के अर्थ को बेहतर ढंग से समझ पाएंगे।

5. क्या मैं भोजन मंत्र का जाप कहीं भी कर सकता हूँ?

हाँ, आप भोजन मंत्र का जाप कहीं भी कर सकते हैं। हालांकि, यदि आप शांत और आरामदायक जगह पर मंत्र का जाप करते हैं, तो आपको बेहतर अनुभव होगा। आप अपने घर, मंदिर, या किसी भी शांत जगह पर मंत्र का जाप कर सकते हैं।