स्वामी समर्थ के 108 नाम | Swami Samarth 108 Names In Marathi

श्री स्वामी समर्थ Ashtottarshat Namavali मराठी में स्वामी समर्थ के 108 नाम

श्री स्वामी समर्थ (Shree Swami Samarth), जिन्हें स्वामी समर्थ महाराज के नाम से भी जाना जाता है, एक श्रद्धेय भारतीय संत और आध्यात्मिक गुरु थे। और यही थे जिस ने प्रसिद Swami Samarth Tarak Mantra की भी रचना की।

उन्हें हिंदू देवता भगवान दत्तात्रेय का अवतार माना जाता है, जो तीन देवताओं ब्रह्मा, विष्णु और शिव का संयोजन हैं।

स्वामी समर्थ 18वीं शताब्दी के दौरान रहते थे और अपनी शिक्षाओं, चमत्कारों और गहन आध्यात्मिक मार्गदर्शन के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने अपनी शिक्षाओं और आशीर्वादों का प्रसार करते हुए भारत के विभिन्न क्षेत्रों की यात्रा की।

उनका प्राथमिक संदेश ईश्वर की भक्ति, आत्म-साक्षात्कार और आध्यात्मिक ज्ञान के मार्ग के महत्व के इर्द-गिर्द घूमता था।

श्री स्वामी समर्थ के भक्तों का मानना है कि उनके पास दैवीय शक्तियां थीं और उन्होंने अपने जीवनकाल में कई चमत्कार किये। उनकी शिक्षाओं में धार्मिक और नैतिक जीवन जीने, आत्म-अनुशासन का अभ्यास करने और ईश्वर में अटूट विश्वास बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया गया।

भले ही स्वामी समर्थ महाराज ने सदियों पहले अपना भौतिक रूप छोड़ दिया था, उनकी शिक्षाएँ और आध्यात्मिक उपस्थिति लोगों को उनकी आध्यात्मिक यात्राओं के लिए प्रेरित और मार्गदर्शन करती रहती है।

भारत और उसके बाहर अनगिनत लोगों द्वारा उनका सम्मान किया जाता है और उनकी विरासत मंदिरों, आश्रमों और उनके अनुयायियों की भक्ति के माध्यम से जीवित है।

मराठी में स्वामी समर्थ के 108 नाम | Swami Samarth Names


  1. ॐ दिगम्बराय नमः।
  2. ॐ वीरयज्ञम्बराय नमः।
  3. ॐ दयनाम्बराय नमः।
  4. ॐ स्वानन्दम्बराय नमः।
  5. ॐ अतिदिव्यतेजम्बाराय नमः।
  6. ॐ काव्यशक्तिप्रदायेन नमः।
  7. ॐ अमृतमंत्रदायिने नमः
  8. ॐ दिव्यज्ञानदत्ताय नमः
  9. ॐ दिव्य चक्षुदायिने नमः
  10. ॐ चित्ताकर्षणाय नमः
  11. ॐ चित्तप्रशान्ताय नमः
  12. ॐ दिव्यानुसंधानप्रदायिने नमः
  13. ॐ सद्गुणविवर्धनाय नमः
  14. ॐ अष्टसिद्धिदायकाय नमः
  15. ॐ भक्तिविराग्यदत्ताय नमः
  16. ॐ भक्ति-मुक्ति-शक्ति प्रदायिने नमः
  17. ॐ आत्मविद्याप्रेरकाय नमः
  18. ॐ अमृतानन्ददत्ताय नमः
  19. ॐ गर्वधानाय नमः
  20. ॐ शाद्रिपुहृताय नमः
  21. ॐ भक्तसौररक्षकाय नमः
  22. ॐ अन्नत्कोटिब्रह्माण्डप्रमुखाय नमः
  23. ॐ चैतन्य तेजसे नमः
  24. ॐ श्री समर्थयताये नमः
  25. ॐ आजानुबाहवे नमः
  26. ॐ अदगुरुवेनमः
  27. ॐ श्रीपादश्रीवल्लभाय नमः
  28. ॐ नृसिंहभानुसरसस्वयै नमः
  29. ॐ अवधूतदत्तत्रय नमः
  30. ॐ चंचलेश्वराय नमः
  31. ॐ कुरुविपूर्वसिने नमः
  32. ॐ गंधर्व पूर्वसिने नमः
  33. ॐ गिरनर्वासिने नमः
  34. ॐ श्री शैल्यनिवासिने नमः
  35. ॐ ओंकारवासिने नमः
  36. ॐ आत्मसुताय नमः
  37. ॐ प्रखर-तेजः-प्रवर्तिने नमः
  38. ॐ अमोघटेजानन्दाय नमः
  39. ॐ दैदिप्प्यतेजोधराय नमः
  40. ॐ परमसिद्ध योगेश्वराय नमः
  41. ॐ कृष्णानन्द-अतिप्रियाय नमः
  42. ॐ योगिराजराजेश्वराय नमः
  43. ॐ आकारंकरुण्यमूर्तये नमः
  44. ॐ चिरंजीव चैत्यनाय नमः
  45. ॐ स्वनानकन्द स्वामिने नमः
  46. ॐ स्मत्रुगामिने नमः
  47. ॐ नित्यचिदानन्दाय नमः
  48. ॐ भक्तिचिंतमनिश्वराय नमः
  49. ॐ अचिन्त्यनिरंजनाय नमः
  50. ॐ दयानिधाय नमः
  51. ॐ भक्तहृदयानरेशाय नमः
  52. ॐ शारंगटकवचै नमः
  53. ॐ वेदफुर्तदायिने नमः
  54. ॐ महामंत्रराजाय नमः
  55. ॐ अनाहत्नादप्रदाय नमः
  56. ॐ सुकोमलपदम्बुजाय नमः
  57. ॐ चित्-शक्तित्त्मने नमः
  58. ॐ अतिष्टिराय नमः
  59. ॐ मध्यानमः-भिक्षाप्रिय नमः
  60. ॐ प्रमभिक्षायमकितय
  61. ॐ योगक्षेमवहिने नमः
  62. ॐ भक्तकल्पवृक्षाय नमः
  63. ॐ अनन्तशक्तिसूत्रधाराय नमः
  64. ॐ परब्रह्माय नमः
  65. ॐ अतितृप्तपरमतृप्तायै नमः
  66. ॐ स्वावलम्बनसूत्रदात्रे नमः
  67. ॐ बल्यभवप्रियाय नमः
  68. ॐ भक्तिनिधानाय नमः
  69. ॐ असमर्थ-शक्तिशाली नमः
  70. ॐ योगसिद्धिदायकाय नमः
  71. ॐ औदम्बरप्रियस्य नमः
  72. ॐ वज्रसुकोमलतनुधारकाय नमः
  73. ॐ त्रिमूर्ति ध्वजाधारकाय नमः
  74. ॐ चिदाकाश्व्यपत्यै नमः
  75. ॐ केशचंदनकस्तूरीसुगन्धप्रिय नमः
  76. ॐ साधकसंजीवनै नमः
  77. ॐ कुण्डलिनी स्फूर्तिदात्रे नमः
  78. ॐ अलक्ष्यरक्षाय नमः
  79. ॐ आनंदवर्धनाय नमः
  80. ॐ सुखनिधानाय नमः
  81. ॐ उपमते नमः
  82. ॐ भक्तिसंगीतप्रियाय नमः
  83. ॐ आकारसिद्धिकृपाकाराय नमः
  84. ॐ भवभायभाजनाय नमः
  85. ॐ स्मितहस्यानन्दनाय नमः
  86. ॐ संकल्पसिद्धाय नमः
  87. ॐ संकल्पसिसिदात्रे नमः
  88. ॐ सर्वबन्धनमोक्षाय नमः
  89. ॐ द्यानतिताद्यानिभास्कराय नमः
  90. ॐ श्रीकीर्तिनामन्त्रभ्यां नमः
  91. ॐ अभयवरदायिने नमः
  92. ॐ गुरुलीला अमृतधाराय नमः
  93. ॐ गुरुलीला अमृतधाराय नमः
  94. ॐ वाज्यसुकोमलहृदयधारिणे नमः
  95. ॐ सविकल्पतेनिर्विकल्प सहजसमाधिभ्यं नमः
  96. ॐ निर्विकल्पित सहजसमाधिभ्यं नमः
  97. ॐ त्रिकालतित्रिकाल्द्यनिने नमः
  98. ॐ भवतित्भव समाधिभ्यां नमः
  99. ॐ भ्रामतेत-अनुरेणुव्यापकाय नमः
  100. ॐ त्रिगुणातीतसगुणसस्कारसुलक्षणाय नमः
  101. ॐ बंधनतीतभक्तिकिरणबंधनाय नमः
  102. ॐ देहातीतसादेह-दर्शपकाय नमः
  103. ॐ चिन्तनातीतप्रेमचिन्तनप्रकाशनाय नमः
  104. ॐ मौनातीत – उन्मनिभवप्रियाय नमः
  105. ॐ बुद्धितितासद्बुद्धिप्रेरकाय नमः
  106. ॐ मत्प्रिय पितामहसद्गुरुभ्यां नमः
  107. ॐ पवित्रराम-तत्यसभेचरणारविन्द्याभ्यां नमः
  108. ॐ अक्कलकोतस्वामी समर्थाय नमः

ये नाम Shri Swami Samarth Tarak Mantra की दिव्य प्रकृति के विभिन्न पहलुओं और उनके भक्तों के लिए आध्यात्मिक मार्गदर्शक और प्रेरणा स्रोत के रूप में उनकी भूमिका को दर्शाते हैं।


Tarak Mantra Lyrics In Image


tarak mantra

FAQ

1. क्या तारक मंत्र का जाप करते समय कोई विशेष मंत्राक्षर भी है?

हाँ, तारक मंत्र का एक विशेष मंत्राक्षर भी है।

यह मंत्राक्षर “ॐ” है।

तारक मंत्र का जाप करते समय मंत्र के शुरुआत और अंत में “ॐ” का उच्चारण करना चाहिए।

2. क्या तारक मंत्र का जाप करते समय किसी विशेष मुद्रा में बैठना आवश्यक है?

तारक मंत्र का जाप करते समय किसी विशेष मुद्रा में बैठना आवश्यक नहीं है।

आप अपनी सुविधानुसार किसी भी मुद्रा में बैठकर मंत्र का जाप कर सकते हैं।

हालांकि, ध्यान मुद्रा (पद्मासन) में बैठकर मंत्र का जाप करना अधिक फलदायी माना जाता है।

3. क्या तारक मंत्र का जाप करते समय किसी विशेष माला का उपयोग करना चाहिए?

तारक मंत्र का जाप करते समय किसी विशेष माला का उपयोग करना आवश्यक नहीं है।

आप अपनी सुविधानुसार किसी भी माला का उपयोग कर सकते हैं।

हालांकि, रुद्राक्ष माला या क्रिस्टल माला का उपयोग करना अधिक शुभ माना जाता है।

4. क्या तारक मंत्र का जाप करते समय किसी विशेष वस्त्र पहनना चाहिए?

तारक मंत्र का जाप करते समय किसी विशेष वस्त्र पहनने की आवश्यकता नहीं है।

आप अपनी सुविधानुसार कोई भी स्वच्छ वस्त्र पहनकर मंत्र का जाप कर सकते हैं।

हालांकि, सफेद या पीले रंग के वस्त्र पहनना अधिक शुभ माना जाता है।

5. क्या तारक मंत्र का जाप करते समय किसी विशेष दिशा का सामना करना चाहिए?

तारक मंत्र का जाप करते समय किसी विशेष दिशा का सामना करने की आवश्यकता नहीं है।

आप अपनी सुविधानुसार किसी भी दिशा का सामना करके मंत्र का जाप कर सकते हैं।

हालांकि, पूर्व या उत्तर दिशा का सामना करना अधिक शुभ माना जाता है।

6. क्या तारक मंत्र का जाप करते समय किसी विशेष भोजन का सेवन करना चाहिए?

तारक मंत्र का जाप करते समय किसी विशेष भोजन का सेवन करने की आवश्यकता नहीं है।

आप अपनी सुविधानुसार कोई भी सात्विक भोजन कर सकते हैं।

हालांकि, मांसाहारी भोजन, मदिरा और तंबाकू का सेवन नहीं करना चाहिए।

7. क्या तारक मंत्र का जाप करते समय किसी विशेष वार का चुनाव करना चाहिए?

तारक मंत्र का जाप करते समय किसी विशेष वार का चुनाव करने की आवश्यकता नहीं है।

आप अपनी सुविधानुसार किसी भी दिन मंत्र का जाप कर सकते हैं।

हालांकि, सोमवार, गुरुवार और शनिवार को मंत्र का जाप करना अधिक शुभ माना जाता है।

8. क्या तारक मंत्र का जाप करते समय किसी विशेष त्यौहार या अवसर का इंतजार करना चाहिए?

तारक मंत्र का जाप करते समय किसी विशेष त्यौहार या अवसर का इंतजार करने की आवश्यकता नहीं है।

आप अपनी सुविधानुसार किसी भी समय मंत्र का जाप कर सकते हैं।

हालांकि, महाशिवरात्रि, शिवरात्रि और प्रदोष काल में मंत्र का जाप करना अधिक फलदायी माना जाता है।

9. क्या तारक मंत्र का जाप करते समय किसी विशेष अनुष्ठान या पूजा की आवश्यकता होती है?

तारक मंत्र का जाप करते समय किसी विशेष अनुष्ठान या पूजा की आवश्यकता नहीं होती है।

आप अपनी सुविधानुसार घर पर ही मंत्र का जाप कर सकते हैं।

हालांकि, यदि आप चाहें तो किसी विद्वान पंडित से मंत्र दीक्षा प्राप्त कर सकते हैं और उनसे अनुष्ठान या पूजा भी करवा सकते हैं।

  1. तारक मंत्र एक शक्तिशाली मंत्र है, लेकिन क्या इससे कोई नकारात्मक प्रभाव भी हो सकता है?

आम तौर पर, तारक मंत्र का जाप करने से कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं माना जाता है। हालांकि, कुछ स्थितियों में सावधानी बरतना जरूरी है:

  • अहंकार और गलत उद्देश्य: यदि आप तारक मंत्र का जाप किसी का अहित करने या गलत फायदे के लिए कर रहे हैं, तो इससे नुकसान हो सकता है।
  • अशुद्ध उच्चारण: अगर आप मंत्र का उच्चारण गलत तरीके से करते हैं, तो भी इसका पूरा लाभ नहीं मिल पाएगा।
  • मानसिक अस्थिरता: यदि आप पहले से ही किसी मानसिक परेशानी से जूझ रहे हैं, तो तारक मंत्र का जाप करने से पहले किसी विशेषज्ञ से सलाह लें।

11. तारक मंत्र का अर्थ समझने से क्या फायदा होता है?

तारक मंत्र का अर्थ समझने से आपको मंत्र के पीछे की शक्ति और महत्व का बेहतर बोध होगा। आप मंत्र का जाप और भी अधिक श्रद्धा और विश्वास के साथ कर पाएंगे।

12. क्या बच्चे भी तारक मंत्र का जाप कर सकते हैं?

बच्चे भी तारक मंत्र का जाप कर सकते हैं, लेकिन उन्हें पहले मंत्र का अर्थ और महत्व समझाना चाहिए। साथ ही, उनका उच्चारण सही हो, this लिए उनकी मदद करें।

13. तारक मंत्र के अलावा भगवान शिव को प्रसन्न करने के अन्य तरीके कौन से हैं?

भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए आप ये तरीके अपना सकते हैं:

  • शिवलिंग पर जलाभिषेक करें।
  • दुर्दहन बेलपत्र चढ़ाएं।
  • शिव चालीसा या रुद्राष्टक का पाठ करें।
  • नियमित रूप से “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें।
  • सोमवार का व्रत रखें।
  • सत्यनिष्ठ और दयालु बनें।
  • अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करें।

14. तारक मंत्र का वैज्ञानिक महत्व है क्या?

धर्म और आध्यात्मिकता के क्षेत्र में तारक मंत्र का बहुत महत्व है। वहीं, अभी तक इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण सामने नहीं आया है। हालांकि, मंत्र जप करने से मन शांत होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जिसका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

15. तारक मंत्र के बारे में गलत जानकारी कहां से फैलती है?

तारक मंत्र के बारे में गलत जानकारी कई स्रोतों से फैल सकती है, जैसे:

  • अविश्वसनीय वेबसाइटें
  • कम ज्ञानी लोगों द्वारा दी गई जानकारी
  • इसलिए, हमेशा विश्वसनीय स्रोतों से ही जानकारी प्राप्त करें।

16. स्वामी समर्थ 108 नामावली का क्या महत्व है?

स्वामी समर्थ 108 नामावली का महत्व अनेक है:

  • भगवान स्वामी समर्थ के प्रति श्रद्धा और भक्ति व्यक्त करने का माध्यम।
  • मनोकामना पूर्णि और आध्यात्मिक उन्नति के लिए प्रार्थना।
  • नकारात्मक ऊर्जा और बाधाओं से मुक्ति।
  • शांति और समृद्धि प्राप्ति।

17. क्या स्वामी समर्थ 108 नामावली का जाप करने के लिए कोई विशेष नियम है?

स्वामी समर्थ 108 नामावली का जाप करने के लिए कोई विशेष नियम नहीं है। आप अपनी सुविधानुसार किसी भी समय और स्थान पर नामावली का जाप कर सकते हैं। हालांकि, कुछ लोग मानते हैं कि सोमवार, गुरुवार और शनिवार को नामावली का जाप करना अधिक फलदायी होता है।