श्री स्वामी समर्थ मानस पूजा | Shree Swami Samarth Manas Puja Lyrics

महाराष्ट्र, भारत, में स्थित एक प्रतिष्ठित संत और आध्यात्मिक शिक्षक, स्वामी समर्थ (Swami Samarth)  के अनुयायियों द्वारा की जाने वाली एक भक्ति प्रथा है, स्वामी समर्थ मानस पूजा।

स्वामी समर्थ मानस पूजा, भगवान श्री स्वामी समर्थ की भक्ति और आध्यात्मिक अनुष्ठान का एक पवित्र माध्यम है।

यह पूजा न केवल भक्तों को स्वामी समर्थ के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करने का अवसर प्रदान करती है, बल्कि आत्मिक उन्नति और मोक्ष प्राप्ति का मार्ग भी प्रशस्त करती है।

श्री स्वामी समर्थ मानस पूजा: Manas Pooja Swami Samarth Lyrics


नमो स्वामीराजम दत्तावताराम |

श्री विष्णू ब्रम्हा शिवशक्तिरूपम ||

ब्रह्मस्वरूपाय करूणाकाराय |

नमो नमस्ते ||

हे स्वामी दत्तात्रय हे कृपाळा |

मला ध्यान मूर्ती दिसू देई डोळा ||

कुठे माय माझी म्हणे बाळ कैसा |

समर्थ तुम्हाविना हो जीव तैसा ||

स्वामी समर्थ तुम्ही स्मर्तगामी |

हृदयसानी या बस प्रार्थितो मी ||

पूजेचे यथासांग साहित्य केले |

मखरात स्वामी गुरु बैसले ||

महाशक्ती जेथे उभ्या ठाकताती |

जिथे सर्व सिद्धी पदी लोळताती ||

असे सर्व सामर्थ्य तो हा समर्थ |

परब्रम्ह साक्षात गुरुदेव दत्त ||

सुवर्ण ताटी महारातन ज्योती |

ओवाळुनि अक्षता लावू मोती ||

शुभारंभ एस करुनि पूजेला |

चरणावरी ठेवू या मस्तकाला ||

हा अर्घ्य अभिषेक स्वीकारी माझा |

तुझी पद्य पुजा करी बाळ तुझा ||

प्रणिपात साष्टांग शरणागताचा |

तुम्हा वाहिला भर या जीवनाचा ||

हि ब्रम्हपूजा महाविष्णू पूजा |

शिव शंकराची असे शक्तिपूजा ||

दही दूध शुद्धहोदकाने तयाला |

पंचामृती स्नान घालू प्रभूला ||

वीणा तुताऱ्या किती वाजताती |

शंखादि वाद्ये पहा गर्जताती ||

म्हणती नगारे गुरुदेव दत्त

श्री दत्त जय दत्त स्वामी समर्थ ||

प्रत्यक्ष गंगा जलकुंभी आली |

श्री दत्त स्वामी सी या स्नान घाली ||

महासिद्ध आले पदतीर्थ घ्याया |

महिमा तयांचा काळात जगा या ||

मी धन्य झालो हे तिथे घेता |

घडू दे पूजा हि यथासांग आता ||

Swami Samarth Tarak Mantra
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अजानुबाहू भव्य कांती सतेज |

नसे मानवी देह हा स्वामी राज ||

प्रत्यक्ष श्रीसद्गुरू दत्तराज |

तथा घालूया रेशिमी वस्त्रसाज ||

सुगंधित भाळी तिला रेखियला |

शिरी हा जरी टोप शोभे तयाला ||

वक्ष स्थळी लाविल्या चंदनाचा |

सुवास तो वाढावी भाव साचा ||

शिरी वाहूया बिल्व तुलसी दलाते |

गुलाब जय जुई अत्तराते ||

गंधाक्षता वाहुनी या पदाला |

हि अर्पूया जीवन पुष्पमाला ||

चरणी करांनी मिठी मारू देई |

म्हणे लेकरांसी सांभाळ आई ||

इथे लावया केशर कस्तुरीचा |

सुगंधी हा खूप नाना प्रतीचा ||

पुष्पांजली हि तुम्हा अर्पियेली |

गगनातुनी पुष्पवृष्टी जहाली ||

करुणावतारी अवधूत कीर्ती |

दयेची कृपेची जशा शुद्ध मूर्ती ||

प्रभा काकली शक्तीच्या मंडलाची |

अशी दिव्यता स्वामी योगेश्वरांची |

हृदयमंदिरांची हि स्नेह्ज्योती |

मला दाखवी स्वामींची योगमूर्ती ||

करू आरती आर्तभावे प्रभूची |

गुरुदेव स्वामी स्वामी दत्तात्रयाची ||

पंचारती हि असे पंचप्राण |

ओवाळुनि ठेवू चरणांवरून ||

निघेना शब्द बोलू मी तोही |

मनीचे तुम्ही जनता सर्व काही ||

हे स्वामीराजा बस भोजनाला |

हा पंच पक्वान्न नैवेद्य केला ||

पुरांची पोळी तुम्हा आवडीची |

लाडू कारंजी असे हि खव्याची ||

डाळिंब, द्राक्षे, फळे आणि मेवा |

हे केशरी दूध घ्या स्वामी देवा ||

पुढे हात केला या लेकराने |

प्रसाद द्यावा आपुल्या कराने ||

तांबूल घ्यावा स्वामी समर्था |

चरणांची सेवा करू द्यावी आता ||

प्रसन्नतेतून मागू मी काय |

हृदयी ठेव माते तुझे दोन्ही पाय ||

सर्वस्व हा जीवच चरणी ठेवू |

दुजी दक्षिण मी तुम्हा काय देऊ ||

नको दूर लोटू आपुल्या मुलासी |

कृप छत्र तुमचेच या बालकासी ||

धरू दे आता घट्ट तुझ्या पदाला |

पदी ठेवू शीर शरणांगतला ||

हृदयी भाव यावे असे तळमळीचे |

करो पूर्ण कल्याण जे या जीवाचे ||

तुझे बाळ पाही तुझी वाट देवा |

नका वेळ लावू कृपा हसत ठेवा ||

मणी पूजनाची अशी दिव्य ठेव |

वसो माझिया अंतरी स्वामी देव ||

वसो माझ्या अंतरी स्वामी देव |

वसो माझ्या अंतरी स्वामी देव ||

श्री दत्तार्पणमस्तु | श्री गुरुदेव दत्त ||


मानस पूजा का महत्व


  • आध्यात्मिक शुद्धिकरण: मानस पूजा मन और आत्मा को शुद्ध करती है, नकारात्मक विचारों और भावनाओं को दूर करती है।
  • आत्मिक उन्नति: यह भक्ति और आत्मसमर्पण के माध्यम से आध्यात्मिक प्रगति को बढ़ावा देती है।
  • इच्छा पूर्ति: विश्वास और भक्ति के साथ की गई मानस पूजा से मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं।
  • कष्टों का निवारण: यह कष्टों और बाधाओं से मुक्ति दिलाने में सहायक हो सकती है।
  • सकारात्मक ऊर्जा: मानस पूजा वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है।

मानस पूजा की विधि


  • पूजा की तैयारी: स्वच्छ स्नान करें, स्वच्छ और सुगंधित वस्त्र पहनें, पूजा स्थल को साफ और सजाएं।
  • आसन: सुखासन या पद्मासन में बैठें, रीढ़ की हड्डी सीधी रखें।
  • दीप प्रज्वलन: एक घी का दीपक जलाएं और स्वामी समर्थ की प्रतिमा या चित्र के सामने रखें।
  • ध्यान: कुछ क्षणों के लिए शांत बैठें और स्वामी समर्थ पर ध्यान केंद्रित करें।
  • मंत्रोच्चार: “ॐ नमो स्वामी समर्थ” मंत्र का जप करें। आप धीमी आवाज में या माला का उपयोग करके जप कर सकते हैं।
  • पूजा: स्वामी समर्थ को फल, फूल, मिठाई, और जल अर्पित करें।
  • आरती: स्वामी समर्थ की आरती गाएं या सुनें।
  • प्रार्थना: अपनी मनोकामनाओं और आध्यात्मिक उन्नति के लिए प्रार्थना करें।
  • समापन: “ॐ शांति शांति शांति” का उच्चारण करके पूजा का समापन करें।

मानस पूजा के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें


  • विश्वास और भक्ति: पूजा पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ करें।
  • मन की एकाग्रता: पूजा के दौरान मन को एकाग्र रखें।
  • सकारात्मक विचार: सकारात्मक विचारों और भावनाओं को बनाए रखें।
  • नियमित अभ्यास: नियमित रूप से मानस पूजा करने से अधिक लाभ प्राप्त होता है।

Manas Pooja Swami Samarth Full with Lyrics


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निष्कर्ष

स्वामी समर्थ मानस पूजा भक्तों को आध्यात्मिक ऊर्जा और शांति प्रदान करती है। यह भक्ति और आत्मसमर्पण का मार्ग है जो जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकता है।

अतिरिक्त जानकारी:

  • आप विभिन्न स्त्रोतों से स्वामी समर्थ मानस पूजा की विधि और मंत्रों के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
  • आप अपनी सुविधानुसार पूजा विधि में थोड़ा बदलाव भी कर सकते हैं।
  • यदि आपको कोई प्रश्न या संदेह हो तो आप किसी अनुभवी भक्त या गुरु से सलाह ले सकते हैं।

FAQ

1. स्वामी समर्थ मानस पूजा क्या है?

यह भगवान स्वामी समर्थ की पूजा करने का एक तरीका है। इसमें हम उनके जीवन, शिक्षाओं और चमत्कारों का स्मरण करते हैं।

2. मानस पूजा कब और कैसे करें?

मानस पूजा आप किसी भी दिन, शुभ मुहूर्त में कर सकते हैं।
पूजा विधि:
▪ सबसे पहले स्वच्छता और पवित्रता का ध्यान रखें।
▪ फिर भगवान स्वामी समर्थ की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
▪ दीप, धूप, फूल, फल, और मिठाई का अर्घन करें।
▪ स्वामी समर्थ की आरती गाएं या मंत्रों का जाप करें।
▪ ‘स्वामी समर्थ चरित्र’ या ‘अभंग’ का पाठ करें।
▪ ध्यान करें और अपनी मनोकामना भगवान को अर्पित करें।
▪ प्रसाद वितरित करें।

3. मानस पूजा में क्या-क्या सामग्री चाहिए?

▪ भगवान स्वामी समर्थ की प्रतिमा या तस्वीर
▪ दीप, धूप, कपूर
▪ फूल, फल, और मिठाई
▪ स्वच्छ जल
▪ ‘स्वामी समर्थ चरित्र’ या ‘अभंग’
▪ आसन

4. क्या बच्चे भी मानस पूजा कर सकते हैं?

हाँ, बिलकुल! बच्चों को छोटी-छोटी आरतियों से शुरुआत करनी चाहिए। धीरे-धीरे वे मंत्रों का जाप और ‘स्वामी समर्थ चरित्र’ का पाठ भी सीख सकते हैं।

5. मानस पूजा के क्या फायदे हैं?

▪ मानस पूजा से मन को शांति मिलती है और नकारात्मक विचार दूर होते हैं।
▪ भगवान स्वामी समर्थ का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
▪ जीवन में सुख-समृद्धि और सफलता आती है।
▪ मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

6. क्या मानस पूजा के लिए किसी गुरु की आवश्यकता होती है?

नहीं, ज़रूरी नहीं है। आप घर पर ही स्वयं मानस पूजा कर सकते हैं।

7. क्या मानस पूजा के लिए कोई खास मंत्र है?

हाँ, कई मंत्र हैं जो आप मानस पूजा में उपयोग कर सकते हैं। कुछ प्रसिद्ध मंत्र हैं:
ॐ जय गुरुदेव दत्त
श्री स्वामी समर्थ
गुरुदेव दत्त महाराज की जय

8. क्या मानस पूजा करते समय कोई सावधानी बरतनी चाहिए?

▪ पूजा करते समय मन शुद्ध और एकाग्र रखें।
▪ लालच, क्रोध, और ईर्ष्या जैसी नकारात्मक भावनाओं से दूर रहें।
▪ सात्विक भोजन ग्रहण करें और मादक पदार्थों से दूर रहें।
▪ नियमित रूप से पूजा करें और धैर्य रखें।

9. क्या मैं मानस पूजा के लिए किसी मंदिर में जा सकता हूँ?

हाँ, आप निश्चित रूप से किसी भी स्वामी समर्थ मंदिर में जाकर मानस पूजा कर सकते हैं।

10. क्या ऑनलाइन मानस पूजा करना संभव है?

हाँ, आजकल आप YouTube या अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ऑनलाइन मानस पूजा के वीडियो देख सकते हैं और उनका हिस्सा बन सकते हैं।

ध्यान दें:

  • यह 10 सामान्य सवालों के जवाब हैं। अधिक जानकारी के लिए आप ‘स्वामी समर्थ चरित्र’ या ‘मानस पूजा विधि’
    पर आधारित पुस्तकों का अध्ययन कर सकते हैं।
  • यदि आपके कोई और प्रश्न हैं, तो आप किसी भी स्वामी समर्थ भक्त या गुरु से पूछ सकते हैं।