नवनाथ मंत्र | Navnath Mantra | नवनाथ शाबर मंत्र

Navnath Mantra: नवनाथ मंत्र सबसे प्रसिद्ध और सबसे शक्तिशाली शाबर मंत्र है, जिसे मूल रूप से भगवान शिव ने माता पार्वती को दिया था, जो सभी ज्ञान और शक्ति का अवतार हैं। 

मंत्र के साथ-साथ भगवान शिव ने इसके उच्चतम लाभों पर भी प्रकाश डाला है और कहा है कि यह एक ऐसा शक्तिशाली मंत्र है जिसे कोई भी प्राप्त कर सकता है। 

यह मंत्र लोगों को सभी प्रकार की इच्छाओं को प्राप्त करने में सक्षम बनाता है, यहां तक कि सबसे कठिन कार्यों को भी सरल बनाता है। बाद में गुरु गोरखनाथ को यह मंत्र प्राप्त हुआ और उन्होंने इसे सार्वजनिक रूप से प्रकट किया, ताकि लोग जो चाहें उसे पूरा कर सकें।

नवनाथ जी का मूल मंत्र


ॐ नमो नव-नाथ-गण, चौरासी गोमेश। 

आदि-नाथ आदि-पुरुष, शिव गोरख आदेश।

ॐ श्री नव-नाथाय नमः।।

विधिः- उपरोक्त का प्रतिदिन स्मरण करने से पाप नष्ट हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। साधक सुख, संपत्ति और वैभव से परिपूर्ण हो जाता है। इसे पूर्ण करने के लिए 21 दिनों तक प्रतिदिन 21 पाठ करना चाहिए।


नवनाथ शाबर मंत्र

“ॐ गुरुजी, सत नमः आदेश। गुरुजी को आदेश। ॐकारे शिव-रुपी, मध्याह्ने हंस-रुपी, सन्ध्यायां साधु-रुपी। हंस, परमहंस दो अक्षर। गुरु तो गोरक्ष, काया तो गायत्री। 

 ॐ ब्रह्म, सोऽहं शक्ति, शून्य माता, अवगत पिता, विहंगम जात, अभय पन्थ, सूक्ष्म-वेद, असंख्य शाखा, अनन्त प्रवर, निरञ्जन गोत्र, त्रिकुटी क्षेत्र, जुगति जोग, जल-स्वरुप रुद्र-वर्ण। 

 सर्व-देव ध्यायते। आए श्री शम्भु-जति गुरु गोरखनाथ। ॐ सोऽहं तत्पुरुषाय विद्महे शिव गोरक्षाय धीमहि तन्नो गोरक्षः प्रचोदयात्। 

 ॐ इतना गोरख-गायत्री-जाप सम्पूर्ण भया। गंगा गोदावरी त्र्यम्बक-क्षेत्र कोलाञ्चल अनुपान शिला पर सिद्धासन बैठ। नव-नाथ, चौरासी सिद्ध, अनन्त-कोटि-सिद्ध-मध्ये श्री शम्भु-जति गुरु गोरखनाथजी कथ पढ़, जप के सुनाया। 

सिद्धो गुरुवरो, आदेश-आदेश।।”

श्री नवनाथ भक्तिसार | Navnath Mantra Goraksha Jalandhar


गोरक्ष जालंधर चर्पटाश्च अडबंग कानिफ मच्छिंद्र आद्याः ॥

चौरंगी रेवाणक भर्तरी संज्ञां भूम्यां बभूर्वु नवनाथ सिद्धाः ॥

 नवनाथ स्तुति | Navnath Stuti


“आदि-नाथ कैलाश-निवासी, उदय-नाथ काटै जम-फाँसी।

 सत्य-नाथ सारनी सन्त भाखै, सन्तोष-नाथ सदा सन्तन की राखै। 

कन्थडी-नाथ सदा सुख-दाई, अञ्चति अचम्भे-नाथ सहाई। 

ज्ञान-पारखी सिद्ध चौरङ्गी, मत्स्येन्द्र-नाथ दादा बहुरङ्गी।

 गोरख-नाथ सकल घट-व्यापी, काटै कलि-मल, तारै भव-पीरा।

 नव-नाथों के नाम सुमिरिए, तनिक भस्मी ले मस्तक धरिए। 

रोग-शोक-दारिद नशावै, निर्मल देह परम सुख पावै।

 भूत-प्रेत-भय-भञ्जना, नव-नाथों का नाम। 

सेवक सुमरे चन्द्र-नाथ, पूर्ण होंय सब काम।।”

विधिः– प्रतिदिन नवनाथ की पूजा करने, उपरोक्त स्तुति का 21 बार पाठ करने तथा मस्तक पर भस्म लगाने से नवनाथ की कृपा प्राप्त होती है।

Suresh Wadkar Navnath Mantra


Suresh Wadkar Navnath Mantra

नवनाथ शाबर मंत्र | Navnath Shabar Mantra


“ॐ नमो आदेश गुरु की। 

ॐकारे आदि-नाथ, उदय-नाथ पार्वती। 

सत्य-नाथ ब्रह्मा। 

सन्तोष-नाथ विष्णुः, अचल अचम्भे-नाथ। 

गज-बेली गज-कन्थडि-नाथ, ज्ञान-पारखी चौरङ्गी-नाथ।

 माया-रुपी मच्छेन्द्र-नाथ, जति-गुरु है गोरख-नाथ। 

घट-घट पिण्डे व्यापी, नाथ सदा रहें सहाई।

नवनाथ चौरासी सिद्धों की दुहाई।

ॐ नमो आदेश गुरु की।।”

विधिः- 

  • पूर्णिमा के दिन से जप आरंभ करें. जाप से पहले चावल की नौ ढेरियों की एक पोटली बनाएं और उन पर नौ सुपारी को मौली से बांधकर नवनाथ के प्रतीक के रूप में रखकर षोडशोपचार पूजन करें।
  • फिर गुरु, गणेश और इष्ट का स्मरण कर उनका आह्वान करें।
  • इसके बाद मंत्र का जाप करें. प्रतिदिन नियमित समय पर और निश्चित संख्या में जप करें।
  • ब्रह्मचर्य का पालन करें, दूसरों के हाथ का बना भोजन या अन्य भोजन न करें। शुद्ध और पवित्र बनो. इस साधना से नवनाथ की कृपा से साधक को धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति की शक्ति प्राप्त होती है।

विशेषः- ‘शाबर-पद्धति के अनुसार, यदि हम ‘उज्जैन’ की ‘भर्तृहरि-गुफा’ में 9,000 या 9,00,000 की संख्या में इस मंत्र का जप करते हैं, तो हमें परम-सिद्धि की प्राप्ति होती है और नौनाथ हमें दर्शन देते हैं और वांछित प्रदान करते हैं।  

नवनाथ स्मरण | Navnath Smaran


“आदि-नाथ ओ स्वरुप, उदय-नाथ उमा-महि-रुप। जल-रुपी ब्रह्मा सत-नाथ, रवि-रुप विष्णु सन्तोष-नाथ। 

हस्ती-रुप गनेश भतीजै, ताकु कन्थड-नाथ कही जै। 

माया-रुपी मछिन्दर-नाथ, चन्द-रुप चौरङ्गी-नाथ। शेष-रुप अचम्भे-नाथ, वायु-रुपी गुरु गोरख-नाथ। 

घट-घट-व्यापक घट का राव, अमी महा-रस स्त्रवती खाव। 


नवनाथ कौन-कौन से हैं?

नवनाथ संप्रदाय में नौ महान सिद्ध गुरु हैं: 

  1. गोरक्षनाथ
  2. जालिंदरनाथ
  3. चर्पटनाथ
  4. अडबनगीनाथ
  5. कानिफनाथ
  6. मच्छिंद्रनाथ
  7. चौरंगीनाथ
  8. रेवणनाथ
  9. गहिनीनाथ

इन्हें नवनाथ सिद्ध गुरु कहा जाता है।

नवनाथ शाबर मंत्र लाभ


  • नवनाथ शाबर मंत्र का जाप करने से भय और शोक से मुक्ति मिलती है।
  • नवनाथ साबर मंत्र के जाप से भूत-प्रेत, जादू-टोने आदि से मुक्ति मिलती है।
  • इस मंत्र का जाप करने से सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है।
  • नवनाथ जी का ध्यान करके इस मंत्र का जाप करना चाहिए।
  • इस मंत्र का जाप सुबह, शाम या किसी भी समय किया जा सकता है।

नवनाथ शाबर मंत्र विधि


  • पूर्णिमा के दिन नवनाथ साबर मंत्र का जाप करना चाहिए।
  • इस मंत्र का जाप रुद्राक्ष मंत्र के साथ किया जाता है।
  • नवनाथ शाबर मंत्र का जाप 108 बार करना चाहिए।
  • इस मंत्र का जाप किसी भी मंगलवार या दिन किया जा सकता है।

नवनाथ मंत्र का जाप करते समय ध्यान रखने योग्य बातें


  • यदि आप किसी भी प्रकार की मानसिक या शारीरिक समस्या से जूझ रहे हैं, तो मंत्र का जाप करने से पहले किसी गुरु या योग्य व्यक्ति से सलाह लेना उचित है।
  • यदि आप मंत्र का अधिकतम लाभ प्राप्त करना चाहते हैं, तो किसी गुरु से दीक्षा लेना उचित है।
  • मंत्र का जाप करते समय सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखें और निरंतर प्रयास करें।

नवनाथ मंत्र के बारे में अधिक जानकारी


  • आप विभिन्न वेबसाइटों और पुस्तकों से नवनाथ मंत्र के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
  • आप किसी गुरु या योग्य व्यक्ति से भी नवनाथ मंत्र के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

नवनाथ मंत्र एक शक्तिशाली साधन है जो आपको आध्यात्मिक ज्ञान, शक्ति, और समृद्धि प्राप्त करने में मदद कर सकता है। यदि आप इन मंत्रों का जाप करते समय ईमानदारी और समर्पण रखते हैं, तो आप निश्चित रूप से लाभ प्राप्त करेंगे।

नोट:

  • यह जानकारी केवल सामान्य मार्गदर्शन के लिए दिय गए है।
  • मंत्रों का जाप आरंभ करने से पहले किसी गुरु या योग्य व्यक्ति से अवश्य सलाह लेना उचित होगा।

FAQ

1. नवनाथ मंत्र क्या है?

नवनाथ मंत्र, हिंदू धर्म के नाथ संप्रदाय से जुड़े नौ गुरुओं (नाथों) की आराधना के लिए प्रयुक्त मंत्रों का समूह है। इन मंत्रों का उपयोग आध्यात्मिक ज्ञान, शक्ति, और समृद्धि प्राप्त करने के लिए किया जाता है।

2. कौन से नवनाथ हैं?

नौ नाथों के नाम इस प्रकार हैं:
मत्स्येन्द्रनाथ
गोरक्षनाथ
विपन्नाथ
नागार्जुन
रेवानाथ
चरपतिनाथ
कृष्णपाद
घोरक्षनाथ
उदासीनाथ

3. नवनाथ मंत्र का जाप कैसे करें?

नवनाथ मंत्र का जाप करने के लिए, आपको एक शांत और पवित्र स्थान चुनना चाहिए। स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें और अपने मनचाहे नाथ की प्रतिमा या तस्वीर के सामने बैठ जाएं। मंत्र का जाप 108 बार या 11 बार जपमाला का उपयोग करके करें। ध्यान केंद्रित करें और मंत्र के शब्दों का अर्थ समझने का प्रयास करें।

4. नवनाथ मंत्र के क्या लाभ हैं?

नवनाथ मंत्र के कई लाभ माने जाते हैं, जिनमें शामिल हैं:
आध्यात्मिक ज्ञान: यह मंत्र आपको आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करने और अपनी आत्मा को ऊंचा उठाने में मदद करता है।
शक्ति: यह मंत्र आपको आत्मविश्वास, शक्ति और साहस प्रदान करता है।
समृद्धि: यह मंत्र आपको धन, समृद्धि और सफलता प्राप्त करने में मदद करता है।
स्वास्थ्य: यह मंत्र आपको अच्छा स्वास्थ्य और रोगों से मुक्ति प्रदान करता है।
मोक्ष: यह मंत्र आपको मोक्ष प्राप्त करने में मदद करता है।

5. क्या नवनाथ मंत्र का जाप करना सुरक्षित है?

नवनाथ मंत्र का जाप करना आम तौर पर सुरक्षित माना जाता है। लेकिन, यदि आप किसी भी प्रकार की मानसिक या शारीरिक समस्या से जूझ रहे हैं, तो मंत्र का जाप करने से पहले किसी गुरु या योग्य व्यक्ति से सलाह लेना उचित है।

6. नवनाथ मंत्र के कुछ प्रसिद्ध रूप कौन से हैं?

नवनाथ मंत्र के कई प्रसिद्ध रूप हैं, जिनमें शामिल हैं:
ॐ मत्स्येन्द्रनाथाय नमः
ॐ गोरक्षनाथाय नमः
ॐ विपन्नाथाय नमः
ॐ नागार्जुनाय नमः
ॐ रेवानाथाय नमः
ॐ चरपतिनाथाय नमः
ॐ कृष्णपादाय नमः
ॐ घोरक्षनाथाय नमः
ॐ उदासीनाथाय नमः

7. क्या मुझे नवनाथ मंत्र का जाप करने के लिए दीक्षा लेनी होगी?

नवनाथ मंत्र का जाप करने के लिए आपको दीक्षा लेने की आवश्यकता नहीं है। लेकिन, यदि आप मंत्र का अधिकतम लाभ प्राप्त करना चाहते हैं, तो किसी गुरु से दीक्षा लेना उचित है।

8. नवनाथ मंत्र का जाप करने का सबसे अच्छा समय कौन सा है?

नवनाथ मंत्र का जाप करने का सबसे अच्छा समय सूर्योदय से पहले या सूर्यास्त के बाद होता है। आप इसे मध्यरात्रि में भी कर सकते हैं।

9. क्या मैं नवनाथ मंत्र का जाप घर पर कर सकता हूं?

हाँ, आप नवनाथ मंत्र का जाप घर पर कर सकते हैं। बस यह सुनिश्चित करें कि आप एक शांत और पवित्र स्थान पर हों।

10. नवनाथ मंत्र का जाप करने के बाद मुझे क्या करना चाहिए?

नवनाथ मंत्र का जाप करने के बाद, कुछ देर के लिए शांत बैठें और मंत्र के प्रभावों को महसूस करें। आप अपने इष्ट नाथ पर ध्यान लगा सकते हैं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए प्रार्थना कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, आप अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रख सकते हैं और निरंतर प्रयास कर सकते हैं।