Shri Swami Samarth Aarti Sangrah, भारत में, विशेषकर महाराष्ट्र राज्य में, स्वामी समर्थ, जिन्हें अक्कलकोट स्वामी के नाम से भी जाना जाता है, एक प्रसिद्ध और गुप्त आध्यात्मिक व्यक्ति हैं। इन्हे कई नामो से भी जाना जाता है।
उनका जीवन और शिक्षाएँ निरंतर लाखों भक्तों और साधकों को आध्यात्मिक यात्राओं पर ले जाती रहती हैं। और इन्होंने ही प्रसिद्ध Swami Samarth Tarak Mantra की भी रचना की।
श्री स्वामी समर्थ आरतीएक भक्ति गीत है, जो स्वामी समर्थ को श्रद्धांजलि अर्पित करता है, उनका आशीर्वाद मांगता है और उनके प्रति भक्ति प्रकट करता है।
यह अक्सर स्वामी समर्थ को समर्पित धार्मिक समारोहों और सभाओं में गहरा भक्ति के साथ गाया या सुनाया जाता है ताकि उनका आशीर्वाद पाया जा सके और उनकी दिव्य उपस्थिति के प्रति श्रद्धा व्यक्त की जा सके।
Shri Swami Samarth Aarti in Marathi
|| जयदेव जयदेव श्री स्वामी समर्थां
आरती ओवाळू चरणी ठेवूनिया माथा || जयदेव जयदेव ||ध्रु||
छेली खेडेग्रामी तू अवतरलासी|
जगदुध्दारासाठी राया तू फिरसी|
भक्त वत्सल खरा तू एक होसी|
म्हणूनी शरण आलो तुझिया चरणांसी ||१||
त्रैगुण परब्रम्ह तुझा अवतार|
याची काय वर्णू लीला पामर |
शेषादीक शिणले नलगे त्या पार |
तेथे जडमूढ कैसा करु विस्तार ||२||
देवाधिदेव तू स्वामीराया|
निर्जर मूनिजन ध्याती भावे तव पाया |
तुजसी अर्पण केली आपली ही काया|
शरणागता तारी तू स्वामीराया ||३||
अघटित लीला करुनी जडमूढ उध्दरीले|
किर्ती ऐकुनी कानी चरणी मी लोळे|
चरण प्रसाद मोठा मज हे अनुभवले|
तुझ्या सूता नलगे चरणावेगळे ||४||
श्री स्वामी समर्थ काकड आरती
ओवाळीतो काकड आरती, स्वामी समर्थ तुजप्रती। स्वामी समर्थ तुजप्रती।I
चरण दावी जगत्पते।
स्मरतो तुझी अभिमूती॥धृ॥
भक्तजन येऊभनया दारी, उभे स्वामीराया। दारी उभे स्वामीराया।
चरण तुझे पहावया।
तिष्ठती अती प्रीती॥१॥
भक्ताांच्या कैवारी समर्था, समर्थ तु निरधारी। समर्था समर्थ तु निरधारी।
भेट घेऊन चरणावरी।
गातो आम्ही तुझी स्तुती॥२॥
पूणब्रम्ह देवाधिदेवा निरजनी, तुझा ठावा। निरजनी तुझा ठावा।
भक्तासाठी देहभाव।
तारिसी तु विश्वपती॥३॥
स्वामी तुची कृपाघन, ऊठुन देई दर्थन। ऊठुन देई दर्थन।
स्वामीदास चरण वांदी।
मागतसे भावभक्ती॥४॥
श्री स्वामी समर्थ महाराजांची प्रार्थना
|| सदगुरु नाथा हात जोडीतो प्रार्थना ||
सदगुरु नाथा हात जोडीतो अंत नको पाहु।
ऊकलुनी मनीचे हितगुज सारे वद कवणा दावू॥धृ०॥
निशीदिनी श्रमसी मम हितार्थ तू किती तुज शीण देऊ।
ह्रदयी वससी परी नच दिससी कैसे तुज पाहु॥१॥
उत्तीर्ण नव्हे तुज उपकारा जरी तनु तुज वाहू।
बोधुनि दाविसी इहपर नश्वर मनी उठला बाऊ॥२॥
कोण कुठील मी कवण कार्य मम जनी कैसा राहू।
करी मज ऐसा निर्भय निश्चल सम सकला पाहू॥३॥
अजाण हतबल भ्रमीत मनिची तळमळ कशी साहू।
निरसूनी माया दावी अनुभव प्रचिती नको पाहू॥४॥
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FAQ
1. श्री स्वामी समर्थ महाराज कौन थे?
श्री स्वामी समर्थ महाराज एक प्रसिद्ध हिंदू संत थे जो 19वीं शताब्दी में महाराष्ट्र में रहते थे। वे अपनी चमत्कारी शक्तियों, दयालुता और भक्तों के प्रति समर्पण के लिए जाने जाते थे।
2. श्री स्वामी समर्थ महाराजांची आरती क्या है?
श्री स्वामी समर्थ महाराजांची आरती एक भक्ति गीत है जो भगवान स्वामी समर्थ की महिमा का गुणगान करता है। यह भक्तों द्वारा उनके प्रति श्रद्धा और भक्ति व्यक्त करने के लिए गाया जाता है।
3. श्री स्वामी समर्थ महाराजांची आरती के कुछ लोकप्रिय छंद क्या हैं?
- “जय जय स्वामी समर्थ, अक्कलकोट निवासी।
- “दुःख नाशक, सुख दाता, तुम्हीच म्हणजे माझी आशा।
- “तुमचं दर्शन घडलं मला, म्हणून मी पावन झालो।
- “तुमचं नाम घेतलं मला, म्हणून मी धन्य झालो।
4. श्री स्वामी समर्थ महाराजांची आरती कैसे गाएं?
आप श्री स्वामी समर्थ महाराजांची आरती घर पर, मंदिर में या किसी भी भक्ति सभा में गा सकते हैं। आरती गाने के लिए आप दीपक जला सकते हैं, धूप जला सकते हैं और फूल चढ़ा सकते हैं।
5. श्री स्वामी समर्थ महाराजांची आरती गाने के क्या लाभ हैं?
मान्यता है कि श्री स्वामी समर्थ महाराजांची आरती गाने से भक्तों को:
- भाग्य में वृद्धि
- मनोकामना पूर्णि
- दुःखों से मुक्ति
- शांति और समृद्धि
- भगवान स्वामी समर्थ का आशीर्वाद
6. क्या महिलाएं श्री स्वामी समर्थ महाराजांची आरती गा सकती हैं?
हाँ, निश्चित रूप से! महिलाएं भी श्री स्वामी समर्थ महाराजांची आरती गा सकती हैं। लिंगभेद के आधार पर कोई प्रतिबंध नहीं है।
7. क्या मैं रोज़ श्री स्वामी समर्थ महाराजांची आरती गा सकता/सकती हूँ?
हाँ, आप रोज़ श्री स्वामी समर्थ महाराजांची आरती गा सकते हैं। यह आपकी भक्ति और आस्था का प्रदर्शन है।
8. श्री स्वामी समर्थ महाराजांची आरती गाते समय क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
- स्वच्छता: आरती गाने से पहले स्नान कर स्वच्छ कपड़े पहनें।
- श्रद्धा: भगवान स्वामी समर्थ के प्रति श्रद्धा और सम्मान के साथ आरती गाएं।
- ध्यान: आरती गाते समय ध्यान केंद्रित करें और भगवान के शब्दों का मनन करें।
- शांति: आरती शांत वातावरण में गाएं।
9. क्या श्री स्वामी समर्थ महाराजांची आरती का कोई खास समय होता है?
श्री स्वामी समर्थ महाराजांची आरती आप किसी भी समय गा सकते हैं।
10. क्या श्री स्वामी समर्थ महाराजांची आरती का कोई खास स्वरूप होता है?
श्री स्वामी समर्थ महाराजांची आरती कई स्वरूपों में उपलब्ध है। आप अपनी पसंद और सुविधानुसार कोई भी स्वरूप चुन सकते हैं।
11. क्या श्री स्वामी समर्थ महाराजांची आरती घर पर गाना ठीक है?
हाँ, श्री स्वामी समर्थ महाराजांची आरती घर पर गाना बिलकुल ठीक है।
12. क्या श्री स्वामी समर्थ महाराजांची आरती गाते समय किसी मूर्ति या चित्र की आवश्यकता होती है?
नहीं, श्री स्वामी समर्थ महाराजांची आरती गाते समय किसी मूर्ति या चित्र की आवश्यकता होती है।
13. क्या स्वर या राग में श्री स्वामी समर्थ महाराजांची आरती गाना ज़रूरी है?
श्री स्वामी समर्थ महाराजांची आरती गाते समय किसी खास राग या स्वर का पालन करना अनिवार्य नहीं है। आप इसे भक्तिभाव से सरल स्वर में गा सकते हैं। हालाँकि, कुछ मंदिरों में आरती एक खास राग में गाई जाती है, जिसे आप वहां सुनकर सीख सकते हैं।
14. क्या श्री स्वामी समर्थ महाराजांची आरती हिंदी में भी उपलब्ध है?
श्री स्वामी समर्थ महाराज ज्यादातर महाराष्ट्र में पूजे जाते हैं, इसलिए उनकी आरती मुख्य रूप से मराठी भाषा में ही उपलब्ध है। हालाँकि, आप इंटरनेट पर या कुछ पुस्तकों में हिंदी अनुवाद के साथ श्री स्वामी समर्थ महाराज की आरती पा सकते हैं।
15. क्या श्री स्वामी समर्थ महाराजांची आरती को सुनना ही काफी है?
श्री स्वामी समर्थ महाराजांची आरती गाना निश्चित रूप से ज्यादा फायदेमंद माना जाता है क्योंकि इससे आपकी भक्तिभावना सीधे तौर पर व्यक्त होती है। लेकिन, अगर आप गा नहीं सकते हैं तो आप आरती को श्रद्धापूर्वक सुन भी सकते हैं।
16. श्री स्वामी समर्थ महाराजांची आरती सीखने के लिए कोई संसाधन उपलब्ध हैं?
जी हाँ, श्री स्वामी समर्थ महाराजांची आरती सीखने के लिए कई संसाधन उपलब्ध हैं:
- मंदिर: आप अपने नजदीकी श्री स्वामी समर्थ मंदिर में जा सकते हैं और वहां आरती सुनकर सीख सकते हैं।
- इंटरनेट: यूट्यूब पर कई वीडियो उपलब्ध हैं जिनमें श्री स्वामी समर्थ महाराजांची आरती का पाठ सुनाया जाता है। आप इन्हें देखकर और सुनकर आरती सीख सकते हैं।
- भजन की किताबें: कुछ भजन की किताबों में श्री स्वामी समर्थ महाराजांची आरती का पाठ मराठी लिपि में लिखा होता है। आप चाहें तो ऐसी किताबें खरीद सकते हैं।
17. छोटे बच्चों को श्री स्वामी समर्थ महाराजांची आरती सिखाना चाहिए क्या?
बच्चों को कम उम्र से ही भक्तिभाव सिखाना बहुत अच्छा होता है। आप उन्हें श्री स्वामी समर्थ महाराजांची आरती के सरल छंद सिखा सकते हैं। इससे उनमें श्रद्धा पैदा होगी और वे भारतीय संस्कृति से जुड़ाव महसूस करेंगे।
18. क्या श्री स्वामी समर्थ महाराजांची आरती के अलावा भगवान स्वामी समर्थ की पूजा करने के अन्य तरीके हैं?
श्री स्वामी समर्थ महाराज की पूजा करने के कई तरीके हैं:
- प्रार्थना: आप अपनी मनोकामनाओं को लेकर भगवान स्वामी समर्थ से प्रार्थना कर सकते हैं।
- ध्यान: आप शांत बैठकर उनका ध्यान कर सकते हैं।
- भजन कीर्तन: आप भगवान स्वामी समर्थ के भजन या कीर्तन कर सकते हैं।
- सेवा: आप जरूरतमंदों की सेवा करके भी भगवान स्वामी समर्थ को प्रसन्न कर सकते हैं।
19. श्री स्वामी समर्थ महाराज के बारे में और जानने के लिए मैं क्या कर सकता/सकती हूँ?
श्री स्वामी समर्थ महाराज के बारे में और जानने के लिए आप ये चीज़ें कर सकते हैं:
- पुस्तकें पढ़ें: आप श्री स्वामी समर्थ महाराज की लीलाओं और चमत्कारों पर आधारित किताबें पढ़ सकते हैं।
- वेबसाइटें ब्राउज़ करें: कुछ वेबसाइटें श्री स्वामी समर्थ महाराज के जीवन और उनके दर्शन पर जानकारी प्रदान करती हैं।
- मंदिर के पुजारी से बात करें: अपने नजदीकी श्री स्वामी समर्थ मंदिर में जाकर वहां के पुजारी से बात कर सकते हैं। वे आपको स्वामी समर्थ महाराज के बारे में अधिक बता सकते हैं।
20. श्री स्वामी समर्थ महाराज की प्रसिद्ध कहानियां या चमत्कार कौन से हैं?
श्री स्वामी समर्थ महाराज अपने अनोखे चमत्कारों और दयालुता के लिए जाने जाते हैं। उनके भक्त पीढ़ियों से उनकी लीलाओं का वर्णन करते आ रहे हैं। यहां कुछ प्रचलित कहानियां हैं:
- अक्कलकोट का निर्माण: ऐसा माना जाता है कि श्री स्वामी समर्थ ने एक सूखे और बंजर इलाके को अक्कलकोट नामक समृद्ध शहर में बदल दिया था।
- भक्तों की मनोकामना पूर्ण करना: कई भक्तों की कहानियां हैं जिनके अनुसार श्री स्वामी समर्थ ने उनकी सच्ची श्रद्धा के कारण उनकी मनोकामनाएं पूरी कीं।
- अस terminally ill रोगी का उपचार: ऐसा कहा जाता है कि श्री स्वामी समर्थ ने एक terminally ill रोगी को स्पर्श मात्र से ठीक कर दिया था।
- भूतों का नाश: कुछ कहानियों में बताया गया है कि श्री स्वामी समर्थ ने अपने भक्तों को भूतों से होने वाली परेशानियों से मुक्ति दिलाई थी।
ध्यान दें: इन कहानियों को उनके भक्तों की आस्था का विषय माना जाता है। आप इन्हें श्रद्धापूर्वक सुन सकते हैं।
अंत में, यह याद रखना ज़रूरी है कि ईश्वर प्राप्ति का सबसे महत्वपूर्ण मार्ग है सच्ची श्रद्धा और अच्छे कर्म।