शिव मंत्र “ओम् नमः शिवाय” हमारे समाज में अत्यधिक महत्त्व रखता है। यह मंत्र हिंदू धर्म के प्रमुख देवता भगवान शिव को समर्पित है और इसका जाप उनकी पूजा में किया जाता है।
उसी प्रकार भगवान शिव को नमस्कार करने और उनकी उपासना में “श्री शिवाय नमस्तुभ्यं” मंत्र का अत्यधिक महत्त्व है।
यह मंत्र उनकी प्रसन्नता और आशीर्वाद को प्राप्त करने का एक सशक्त और प्रभावशाली तरीका है। इस मंत्र का जाप करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और भक्त उनके आगे अपनी प्रार्थनाएँ रख सकते हैं।
श्री शिवाय नमस्तुभ्यं का अर्थ
“श्री शिवाय नमस्तुभ्यं” भी शिव को नमस्कार करने का एक प्रसिद्ध मंत्र है जिसका अर्थ है – “हे शिव, तुम्हारा नमस्कार करता हूँ।”
श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र की महिमा
“श्री शिवाय नमस्तुभ्यं” एक सरल लेकिन शक्तिशाली पंचाक्षरी मंत्र है जिसका अर्थ है “मैं भगवान शिव को नमस्कार करता हूं।” हिंदू धर्म में, इस मंत्र को भगवान शिव, सृष्टि के विनाशक और पुनर्निर्माता के प्रति श्रद्धा और भक्ति व्यक्त करने के लिए जाना जाता है।
श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र की महिमा अत्यंत उच्च है और इसका महत्त्व अत्यधिक है। यह मंत्र भगवान शिव के प्रति श्रद्धा, आदर्श, और भक्ति का प्रतीक है।
इस मंत्र का उच्चारण और जाप करने से व्यक्ति को अत्यंत आनंद, शांति, और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
महिमा के स्रोत
इस मंत्र की महिमा का उल्लेख विभिन्न हिंदू ग्रंथों में मिलता है, जिनमें शामिल हैं:
- शिव पुराण: इस महापुराण में वर्णन है कि कैसे इस मंत्र के जप से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों को मनचाही वरदान देते हैं।
- स्कंद पुराण: स्कंद पुराण में भी इस मंत्र के महत्व का वर्णन मिलता है। ग्रंथ के अनुसार, इस मंत्र का जप करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
लाभ और महत्व
श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र को जपने के कई लाभ बताए गए हैं, जिनमें शामिल हैं:
- आध्यात्मिक विकास: माना जाता है कि इस मंत्र के जप से आंतरिक शांति और सद्गुणों का विकास होता है।
- कल्याण: ऐसा माना जाता है कि यह मंत्र भक्तों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाता है और कष्टों को दूर करता है।
- मोक्ष की प्राप्ति: कुछ ग्रंथों में इस बात का उल्लेख मिलता है कि इस मंत्र के निरंतर जप से मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है।
श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र की उत्पत्ति
श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र की उत्पत्ति को लेकर विभिन्न मत हैं।
प्रमुख मत:
- शिव पुराण: इस महापुराण के अनुसार, यह मंत्र भगवान शिव द्वारा स्वयं प्रकट किया गया था।
- ऋषि-मुनि: कुछ विद्वानों का मानना है कि यह मंत्र प्राचीन ऋषि-मुनियों द्वारा रचित है।
अन्य मत:
- वेद: कुछ लोग मानते हैं कि यह मंत्र वेदों से लिया गया है।
- तंत्र: कुछ विद्वानों का मानना है कि यह मंत्र तंत्र शास्त्रों से लिया गया है।
निश्चितता का अभाव:
इन सभी मतों के बावजूद, श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र की उत्पत्ति के बारे में कोई निश्चितता नहीं है।
महत्व:
चाहे इसकी उत्पत्ति कुछ भी हो, श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र एक शक्तिशाली और प्रभावशाली मंत्र है जिसके जप से भक्तों को अनेक लाभ मिल सकते हैं।
अन्य:
- यह मंत्र भगवान शिव के पंचाक्षर मंत्र “ॐ नमः शिवाय” का एक रूप है।
- यह मंत्र भगवान शिव को समर्पित होने और उनकी कृपा प्राप्त करने का एक सरल तरीका है।
यह भी पढ़े:
- रावण रचित शिव तांडव स्तोत्रम् : Ravan Rachit Shiv Tandav Stotram
- 3 सरल शिव ध्यान मंत्र: Shiv Dhyan Mantra
- महा मृत्युंजय मंत्र: Maha Mrityunjaya Mantra in Hindi
- सर्व शक्तिशाली शिव मंत्र | Shiv Mantra In Hindi | शिव मंत्र लिस्ट
- कर्पूर गौरं मंत्र | Karpur Gauram Mantra
श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र जाप
श्री शिवाय नमस्तुभ्यम मंत्र का जाप करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन किया जा सकता है:
- उद्घाटन और ध्यान: सबसे पहले, एक शांत और पवित्र स्थान का चयन करें जहां आप मंत्र का जाप कर सकें। फिर ध्यान में बैठें और अपने मन को शांत करें।
- शुद्धि: अपने शरीर और मन को शुद्ध करने के लिए अपने हाथ धो लें और दीपक के सामने बैठें।
- मंत्र जाप: अब मंत्र जाप के लिए तैयार हो जाएं। “श्री शिवाय नमस्तुभ्यं” मंत्र का उच्चारण ध्यानपूर्वक और स्पष्ट स्वर में करें।
- माला का प्रयोग: यदि संभव हो तो ऐसी माला का प्रयोग करें जिसमें 108 मनके हों। प्रत्येक मंत्र का जाप करते समय माला के मोतियों को उंगलियों से धीरे-धीरे घुमाएं।
- ध्यान और धारणा: मंत्र का जाप करते समय अपने मन को एकाग्र करें और भगवान शिव के दिव्य स्वरूप का दर्शन करें। अपने मन को साकार और निराकार भगवान शिव पर केन्द्रित करें।
- समापन: अंत में मंत्र जाप के बाद मन में शांति और खुशी महसूस करें। भगवान शिव की उपस्थिति में अपना काम समाप्त करें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।
इस प्रकार, “श्री शिवाय नमस्तुभ्यम” मंत्र का जाप एक ध्यान और प्रार्थनापूर्ण अनुभव है जो आपको आत्मा के करीब ले जाता है।
श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र के फायदे
“श्री शिवाय नमस्तुभ्यं” मंत्र का जाप करने के कई फायदे हैं जो इस प्रकार हैं:
- मानसिक शांति: इस मंत्र का नियमित जाप करने से मन में शांति और स्थिरता का भाव आता है। ध्यान और आत्मनिरीक्षण में मदद करता है और मन को स्थिर रखता है।
- आध्यात्मिक विकास : इस मंत्र के जाप से आध्यात्मिक विकास होता है। मनुष्य की आत्मा उन्नति की ओर अग्रसर होती है और वह अपने अन्दर सच्ची धार्मिकता का अनुभव करता है।
- शारीरिक स्वास्थ्य: इस मंत्र का जाप करने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है। ध्यान और मानसिक संतुलन से रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है।
- कर्मचारी संवेदनशीलता: मंत्र का जाप करने से व्यक्ति की कर्मचारी संवेदनशीलता बढ़ती है। वह अपने कर्तव्यों के प्रति जिम्मेदार महसूस करता है और अपना काम ईमानदारी से करता है।
- भगवान की कृपा : शिव मंत्र का जाप करने से ईश्वर की कृपा और दया प्राप्त होती है। भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने से व्यक्ति के जीवन में समृद्धि और सफलता का मार्ग प्रशस्त होता है।
इस प्रकार, “श्री शिवाय नमस्तुभ्यम” मंत्र का जाप करने से व्यक्ति के मानसिक, आध्यात्मिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है और भगवान के आशीर्वाद का अनुभव होता है।
निष्कर्ष
श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र एक सरल लेकिन शक्तिशाली मंत्र है। इसकी साधना से भक्तों को आध्यात्मिक विकास, कल्याण और मोक्ष की प्राप्ति जैसी अनेक लाभ मिल सकते हैं।
FAQ
1. श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र क्या है?
यह भगवान शिव का एक पंचाक्षरी मंत्र है, जिसका अर्थ है “हे शिव, मैं आपको नमस्कार करता हूं।”
2. इस मंत्र का क्या महत्व है?
यह मंत्र भगवान शिव की स्तुति और पूजा का एक सरल तरीका है। इसका जाप करने से मन शांत होता है, पापों का नाश होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
3. इस मंत्र का जाप कैसे करें?
इस मंत्र का जाप किसी भी शुभ समय पर किया जा सकता है। स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनकर शांत बैठें। भगवान शिव की मूर्ति या तस्वीर के सामने बैठकर माला से 108 बार मंत्र का जाप करें।
4. क्या इस मंत्र का जाप करते समय कोई विशेष नियम है?
जी हाँ, इस मंत्र का जाप करते समय कुछ नियमों का पालन करना चाहिए। मांस, मदिरा और लहसुन-प्याज का सेवन न करें। ब्रह्मचर्य का पालन करें। नकारात्मक विचारों से दूर रहें।
5. इस मंत्र का जाप करने से क्या लाभ होते हैं?
- मन शांत होता है: इस मंत्र का जाप करने से मन शांत होता है और तनाव दूर होता है।
- पापों का नाश होता है: इस मंत्र का जाप करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
- सुख-समृद्धि आती है: इस मंत्र का जाप करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
- भय का नाश होता है: इस मंत्र का जाप करने से भय का नाश होता है और साहस बढ़ता है।
- अच्छी सेहत मिलती है: इस मंत्र का जाप करने से अच्छी सेहत मिलती है और रोगों का नाश होता है।
6. क्या इस मंत्र का जाप किसी भी व्यक्ति द्वारा किया जा सकता है?
जी हाँ, इस मंत्र का जाप किसी भी व्यक्ति द्वारा किया जा सकता है।
7. क्या इस मंत्र का जाप करने के लिए दीक्षा लेना आवश्यक है?
नहीं, इस मंत्र का जाप करने के लिए दीक्षा लेना आवश्यक नहीं है।
8. इस मंत्र का जाप कितनी बार करना चाहिए?
इस मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करना चाहिए। आप अपनी श्रद्धा और क्षमता अनुसार अधिक बार भी जाप कर सकते हैं।
9. इस मंत्र का जाप कहां करना चाहिए?
इस मंत्र का जाप किसी भी शांत और पवित्र स्थान पर किया जा सकता है। आप घर के मंदिर में, शिव मंदिर में या किसी अन्य शांत स्थान पर जाप कर सकते हैं।
10. इस मंत्र का जाप किस समय करना चाहिए?
इस मंत्र का जाप किसी भी शुभ समय पर किया जा सकता है। आप सुबह, शाम या दिन के किसी भी अन्य समय जाप कर सकते हैं।
11. क्या इस मंत्र का जाप करते समय माला का प्रयोग करना आवश्यक है?
नहीं, इस मंत्र का जाप करते समय माला का प्रयोग करना आवश्यक नहीं है। आप अपनी उंगलियों से भी जाप कर सकते हैं।
12. क्या इस मंत्र का जाप करते समय ध्यान करना आवश्यक है?
जी हाँ, इस मंत्र का जाप करते समय ध्यान करना बहुत लाभदायक होता है। ध्यान करने से मन एकाग्र होता है और मंत्र का प्रभाव बढ़ जाता है।
13. इस मंत्र का जाप करने से क्या साइड इफेक्ट हो सकते हैं?
इस मंत्र का जाप करने से कोई साइड इफेक्ट नहीं होते हैं।
14. क्या इस मंत्र का जाप महिलाएं भी कर सकती हैं?
जी हाँ, महिलाएं भी इस मंत्र का जाप कर सकती हैं।
15. श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का उच्चारण करते समय कोई खास ध्वनि या स्वर होना चाहिए?
नहीं, जरूरी नहीं है कि आप किसी खास धुन या स्वर में मंत्र का जाप करें। श्रद्धा और भक्ति के साथ स्पष्ट उच्चारण ही काफी है।
16. क्या इस मंत्र का जाप जपने से पहले “ॐ” लगाना चाहिए?
कुछ लोग “ॐ” लगाकर मंत्र का जाप करना पसंद करते हैं। “ॐ” को ब्रह्मांड का बीज मंत्र माना जाता है और इसे किसी भी मंत्र से पहले जपने से उस मंत्र का प्रभाव बढ़ जाता है।
17. अगर मैं इस मंत्र का जाप करते समय गलती से कोई शब्द भूल जाऊं तो क्या होगा?
कोई बात नहीं! मंत्र का जाप करते समय छोटी-मोटी गलतियां हो सकती हैं। ईश्वर आपकी श्रद्धा को देखते हैं, इसलिए चिंता न करें और पूरे विश्वास के साथ जाप जारी रखें।
18. मैं इस मंत्र का जाप अभी शुरू करना चाहता हूं। कोई खास पूजा-पाठ करना होगा?
नहीं, इस मंत्र का जाप शुरू करने के लिए किसी खास पूजा-पाठ की जरूरत नहीं है। आप स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें और शांतचित्त होकर मंत्र का जाप शुरू कर सकते हैं।
19. श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र के अलावा भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए और क्या किया जा सकता है?
भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए आप सोमवार का व्रत रख सकते हैं, भांग, धतूरा और बेलपत्र चढ़ा सकते हैं, शिवलिंग पर जल या दूध अर्पित कर सकते हैं और नियमित रूप से “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप कर सकते हैं।
20. क्या इस मंत्र का जाप मासिक धर्म के दौरान किया जा सकता है?
नहीं, मासिक धर्म के दौरान “श्री शिवाय नमस्तुभ्यं” मंत्र का जाप करने की सलाह नहीं दी जाती है।
हिन्दू धर्म में, मासिक धर्म को एक पवित्र अवस्था माना जाता है। इस दौरान महिलाओं को शारीरिक और मानसिक रूप से विश्राम की आवश्यकता होती है।
कुछ धार्मिक ग्रंथों और परंपराओं के अनुसार, मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को पूजा-पाठ, मंत्र जाप, मूर्ति स्पर्श, मंदिर दर्शन आदि से बचना चाहिए।
यह माना जाता है कि इस दौरान महिलाओं का शरीर अपवित्र होता है और वे धार्मिक गतिविधियों में भाग लेने के लिए योग्य नहीं होती हैं।
हालांकि, यह एक सामाजिक और धार्मिक रीति-रिवाज है, और इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है।
अगर आप मासिक धर्म के दौरान भी इस मंत्र का जाप करना चाहती हैं, तो आप निम्न बातों का ध्यान रख सकती हैं:
- शांत और स्वच्छ स्थान पर जाप करें।
- मंत्र का जाप धीमी आवाज में और श्रद्धा भाव से करें।
- मंत्र का जाप करते समय ध्यान लगाएं।
- जाप समाप्त करने के बाद स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें।
यह भी याद रखें कि आपकी श्रद्धा और विश्वास ही सबसे महत्वपूर्ण है। यदि आप ईश्वर में विश्वास रखती हैं और पूरे मन से मंत्र का जाप करती हैं, तो निश्चित रूप से भगवान शिव आपकी भक्ति स्वीकार करेंगे।